ट्रैक्टर मालिक बालू माफिया के साथ सांठ गांठ बैठाकर उसे खपाने में लगे रहते हैं. बरसात में माफिया उसे ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं. इस धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल है जो अधिकारियों को मैनेज करने का काम करते हैं. वहीं कुछ ट्रैक्टर चालक भी प्रशासन के संपर्क में रहते हैं जिन्हें प्रशासन की गतिविधि का पूरा पता रहता है. जब उक्त मार्ग में प्रशासन की वाहन गुजरने वाली रहती है तो पूर्व में ही उसे सूचना मिल जाती है जिस कारण वे पकड़ में आने से बच निकलते है. बताया जाता है कि चोरगाता नदी से बालू का उठाव कर बेंगाबाद के विभिन्न स्थानों के अलावा बिहार भी खपाया जा रहा है. ट्रैक्टर से बालू का छोटकी खरगडीहा के एक कंपाउड में डंप किया जाता है जहां से उसे अन्य वाहनों से उसे बिहार सहित अन्य स्थानों पर खपाने का काम किया जा रहा है. बताया जाता है कि यहां से बालू उठाने के लिए ट्रैक्टर चालक काफी संख्या में मजदूरों को नदी में उतार देते हैं जो पानी से किनारे कर बालू का जमा करते हैं और फिर उसे ट्रैक्टर से नदी से बाहर निकाला जाता है. प्रतिबंध के बाद भी बालू की हो रही धड़ल्ले से उठाव से चोरगाता नदी पर बने पुल का अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. पुल के समीप से भी बालू का उठाव कर लिया जा रहा है जिससे पुल के पास नदी गहरी हो जा रही है जिससे पुल पर खतरा मंडराने लगा है। चोरगाता नदी के गमतरिया नदी घाट के अलावा उसरी नदी के मोतीलेदा घाट, चरकापत्थर घाट, फुफंदी घाट और पतरो नदी के लुप्पी, गेनरो, बदवारा घाट से भी नित्य बालू का व्याप्क पैमाने पर तस्करी की जा रही है. इधर अबतक प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की ओर से छापेमारी की कार्रवाई नहीं होने से बालू माफियाओं की चांदी कट रही है. इधर बेंगाबाद के नये अंचल अधिकारी आमिर हमजा का कहना है कि अभी पदभार ग्रहण किये हैं. शीघ्र इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा.
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