मिलादुन्नबी के अवसर पर गिरिडीह की पुरानी संस्था बज्म-ए-अदब ने नातिया मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया. कार्यक्रम योगीटांड़ में स्थित मोमिन सोसाइटी के कार्यालय में हुआ. अध्यक्षता हाजी कलीमुद्दीन गौहर ने व मंच का संचालन मुबारक हुसैन काविश और मास्टर मोहम्मद अख्तर अंसारी ने संभाला. शुरुआत मोहम्मद तौसिफ अंसारी के द्वारा तिलावत और नात-ए-मुस्तफा पढ़कर की गयी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
एकता और अखंडता का संदेश
कवियों और शायरों ने नात, नज्म, गजल और गीतों के माध्यम से हजरत मोहम्मद साहब के बताये गये रास्ते पर चलने और देश में एकता और अखंडता बनाये रखने का संदेश दिया. सभी कवियों और शायरों ने अपने-अपने कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. सफल बनाने में मो यूसुफ अंसारी, हाजी मोहम्मद उस्मान, मो परवेज, मास्टर अबुल कलाम, मो छोटू, मो अफरीदी, अंजुमन योगीटांड़ के नौजवानों का सराहनीय योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

