ग्रामीणों ने बताया कि उक्त भवन का अधूरा निर्माण किसी सरकारी मद से 20-25 वर्ष पहले कराया गया था. भवन का न प्लास्टर हुआ, न खिड़की-दरवाजा लगा और न ही फर्श का निर्माण हुआ है. भवन जीर्ण अवस्था में है और बरसात में पानी भी टपकता है. कुछ ग्रामीण संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र के बगल कमरों को गोहाल बना दिया है. केंद्र के सामने गंदा पानी का जमाव भी होता है. इस आलम में बच्चों को बैठने में कठिनाई हो रही है, गीले जमीन पर बैठने को मजबूर हैं. रसोइया को पोषाहार पकाने में भी भारी दिक्कत होती है. सेविका मेहरून निशा ने बताया कि उक्त आंगनबाड़ी के पोषक क्षेत्र की जनसंख्या 1518 है जिसमें डुमरडीहा, उतरी क्षेत्र ओर दक्षिणी क्षेत्र शामिल है. कहा कि दरवाजा खिड़की नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी में मिला समान को चोरी होने के डर से केंद्र में नहीं रख पाती है, समान को रोज सुबह लाना पड़ता है और शाम में घर ले जाना पड़ता है. भवन भी काफी जर्जर हो गया है जिससे डर बना हुआ है. कहा कि समस्या से पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है.
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