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ग्रामीण प्रतिभा को निखारना मुख्य उद्देश्य

केडी इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को पब्लिक मीट का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूल के निदेशक राजेंद्र कुमार ने स्कूल की उपलब्धियों व भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. राजधनवार : केडी इंटरनेशनल स्कूल, गंगापुर राजधनवार में सोमवार को पब्लिक मीट का आयोजन कर लोगों को स्कूल की उपलब्धियों और आगे की […]

केडी इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को पब्लिक मीट का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूल के निदेशक राजेंद्र कुमार ने स्कूल की उपलब्धियों व भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया.
राजधनवार : केडी इंटरनेशनल स्कूल, गंगापुर राजधनवार में सोमवार को पब्लिक मीट का आयोजन कर लोगों को स्कूल की उपलब्धियों और आगे की योजनाओं की जानकारी दी गयी. स्कूल के निदेशक राजेंद्र कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारना है. इसको लेकर एस चाणक्या, विज्ञान गुरुकुल कोचिंग सेंटर तथा ग्रांटेड जैसे श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों के योग्य तथा अनुभवी शिक्षकों की सेवा ली जा रही है. पिछले वर्ष इसका बेहतर परिणाम भी मिला.
स्कूल के 12वीं के 15 में से चार बच्चों को रिम्स में, चार को एनआइटी में तथा दो को आइआइटी में सफलता मिली. एक छात्र ने दिल्ली विश्वविद्यालय में भी दाखिला लिया है. देश की राजधानी दिल्ली को छोड़ ग्रामीण प्रतिभाओं को उभारने तथा निखारने के जिस उद्देश्य से राजधनवार में स्कूल की स्थापना की थी, वह आज पूरा होते नजर आ रहा है. 10वीं के बाद बच्चे मेडिकल तथा इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए दिल्ली, कोटा, पटना आदि में कोचिंग तो लेते हैं, लेकिन उसमें उनका लगभग पांच लाख रुपये खर्च हो जाता है. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के साथ हम यहां 12वीं तक का बेसिक एजुकेशन भी मुहैया करा रहे हैं. उम्मीद है कि इस वर्ष इस स्कूल के बच्चे पुन: सफलता का नया कीर्तिमान गढ़ेंगे.
क्या कहना है छात्राओं का
एलएन कोटा से मेडिकल की तैयारी कर आयी स्कूल की छात्रा आस्था ने कहा कि प्लस टू के बाद यहां तैयारी की होती तो ज्यादा बेहतर होता. संभवत: बाहर भी नहीं जाना पड़ता. एक साथ मेडिकल और इंटर की तैयारी टफ है. उसने स्कूल में मिल रही शैक्षणिक सुविधाओं पर संतोष जताया. साथ ही एलएन कोटा से ही आयी छात्रा प्रिया गुप्ता ने बताया कि कोचिंग में मेडिकल की तो तैयारी करायी गयी, किंतु विषयगत इंटर साइंस की तैयारी नहीं हो पायी. इसके अलावा कंप्यूटर, इंगलिश और एडिशनल सब्जेक्ट पर भी वहां फोकस नहीं होता है. दो वर्ष के कोचिंग और लॉजिंग में लगभग पांच लाख रुपये खर्च होते हैं. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने जीव विज्ञान के शिक्षक डाॅ. जीशाल की भी तारीफ की.
शिक्षा के मामले में जुनूनी व्यक्ति हैं राजेंद्र : डाॅ. राय
विज्ञान गुरुकुल कोचिंग पटना से गंगापुर आकर केडीआइएस में सेवा दे रहे गणित के शिक्षक डाॅ. एसबी राय ने कहा कि निदेशक राजेंद्र कुमार शिक्षा के मामले में जुनूनी व्यक्ति हैं. इनका अपनी मातृभूमि से काफी लगाव है. इनकी इन्हीं बातों को देख कर मैंने यहां सेवा देना स्वीकार कर लिया. आज नामचीन संस्थाएं तैयारी कराने के नाम पर अभिभावकों का आर्थिक रूप से दोहन कर रहे हैं. बच्चों को प्रतियोगिता की तैयारी तो करायी जाती है, लेकिन 12वीं के लिए बेसिक एजुकेशन नहीं मिल पाता. कई बार प्रतियोगिता में सफल होने के बावजूद इंटर में अच्छा प्रतिशत नहीं रहने के कारण उनका चयन नहीं हो पाता.
स्कूल के बच्चों से हैं काफी उम्मीदें : आर कुमार
ग्रांटेड शिक्षण संस्थान पटना से केडीआइएस में सेवा दे रहे भौतिक विज्ञान के विशेषज्ञ शिक्षक इंजीनियर आर कुमार ने कहा कि स्कूल के बच्चे काफी प्रतिभावान हैं. यहां इन्हें बेहतरीन शैक्षणिक माहौल के साथ-साथ बेहतर मार्गदर्शन भी मिल रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि इस वर्ष भी यहां के बच्चे सफलता का नया इतिहास बनायेंगे.
थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिल भी जरूरी : रवींद्र कुमार
एस चाणक्या पटना से सेवा दे रहे रसायन शास्त्र के शिक्षक रवींद्र कुमार ने कहा कि बड़े-बड़े कोचिंग में बच्चों को थ्योरिटिकल ज्ञान तो मुहैया कराया जाती है, लेकिन प्रायोगिक शिक्षा नहीं मिल पाने से इंटर की परीक्षा में उन्हें परेशानी होती है. कोचिंग में इंगलिश, कंप्यूटर तथा एडिशनल पेपर की तैयारी नहीं करायी जाती. लिहाजा बच्चे साइंस सब्जेक्ट में बेहतर कर भी कई बार 12वीं में बेहतर नहीं कर पाते हैं.

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