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अंजान पत्र से परेशान अधिवक्ता ने अज्ञात पर दर्ज कराया मामला
गिरिडीह : शहर के अधिवक्ता बंधु व राष्ट्रीय पार्टी के एक नेता के नाम पर माओवादी की तरह का लेटर भेजने से परेशान अधिवक्ता ने आखिरकार प्राथमिकी दर्ज करायी. नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में अज्ञात पर परेशान करने का जिक्र है. यह प्राथमिकी नगर थाना क्षेत्र के बरमसिया के अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा की […]
गिरिडीह : शहर के अधिवक्ता बंधु व राष्ट्रीय पार्टी के एक नेता के नाम पर माओवादी की तरह का लेटर भेजने से परेशान अधिवक्ता ने आखिरकार प्राथमिकी दर्ज करायी. नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में अज्ञात पर परेशान करने का जिक्र है. यह प्राथमिकी नगर थाना क्षेत्र के बरमसिया के अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा की शिकायत पर दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी में कहा है कि पिछले तीन सालों से उनके व उनके भाइयों के नाम पर पत्र जगह-जगह लेटर भेजकर लेवी मांगी जा रही है तो उड़ाने की धमकी दी जा रही है. नगर थाना प्रभारी विनय कुमार राम ने इसे लेकर कांड संख्या 227/18 धारा 419, 420, 500, 505, 507, 120बी भादवि एवं 17 सीएलए एक्ट तथा 13 यूएपीए एक्ट दर्ज किया है. थाना प्रभारी ने अनुसंधान की जिम्मेदारी अनि प्रदीप कुमार को सौंपी है.
छोटे भाई के नाम से बनाया गया है गलत लेटर पैड
दर्ज प्राथमिकी में अधिवक्ता अजय ने कहा है कि उनके छोटे भाई के नाम पर फर्जी लेटर पैड बनाकर अज्ञात व्यक्ति पिछले तीन वर्षों से यह हरकत कर रहा है. राज भवन, गया रेलवे स्टेशन, नगर थाना समेत कई जगहों पर माओवादी के नाम पर पत्र लिखकर लेवी मांगी जा रही है. कई स्थानों पर भाकपा माओवादी के नाम पर 20 लाख रुपये के लेवी की मांग पत्र में की जाती है.
पत्र में मांग नहीं मानने की स्थिति में बम से उड़ाने की धमकी दी जाती है. सभी पत्र उनका तथा उनके भाइयों के नाम पर दिया जाता है. कहा है कि उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा दहशत फैलाने के उद्देश्य से गलत तरीका से भाकपा माओवादी के नाम पर लेवी मांगने एवं बम से उड़ाने का धमकी देकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसके अलावा पत्र में महिला के संदर्भ में भी गलत कार्य के बारे में भी जिक्र किया जाता है. प्राथमिकी में कहा गया है कि इसे लेकर उन्होंने कई स्थानों पर लिखित शिकायत की है.
कई जांच झेल चुका है अधिवक्ता का परिवार
बताया जाता है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में इस तरह का लेटर भेजा गया है. हर पत्र के बाद जांच टीम अधिवक्ता अजय सिन्हा के घर पर पहुंची है और पूरे परिवार से पूछताछ की गयी है. तीन वर्षों में कई टीम ने जांच की और हर बार मामला फर्जी निकला है. हालांकि, पुलिस अभी तक इस तरह का लेटर भेजने वाले व्यक्ति को खोजने में असफल रही है.
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