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सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक की लापरवाही से पत्नी की मौत का आरोप

गिरिडीह : राजधनवार के दीवान टोला निवासी पप्पू स्वर्णकार ने सदर अस्पताल में कार्यरत डॉ बबली जया मुर्मू पर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कहा है कि उनकी लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गयी है. उसने मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी इसकी शिकायत की है. बताया कि गत नौ जून को उसने […]

गिरिडीह : राजधनवार के दीवान टोला निवासी पप्पू स्वर्णकार ने सदर अस्पताल में कार्यरत डॉ बबली जया मुर्मू पर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कहा है कि उनकी लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गयी है. उसने मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी इसकी शिकायत की है. बताया कि गत नौ जून को उसने सिविल सर्जन को शिकायत देकर जांच की मांग की थी, लेकिन करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
पप्पू ने सोमवार को इसकी शिकायत एसडीओ विजया जाधव से की. एसडीओ ने इसकी जांच कर इसका प्रतिवेदन उपायुक्त और सरकार को भेजकर इसपर कार्रवाई की बात कही है. इधर, इस संबंध में डॉ बबली जया मुर्मू से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
क्या है मामला
पप्पू स्वर्णकार ने एसडीओ को दी शिकायत में कहा है कि उसकी पत्नी आशा देवी की मृत्यु गत नौ अप्रैल को पीएमसीएच धनबाद में इलाज के दौरान हो गयी. उसने 24 फरवरी 2017 को आशा को सदर अस्पताल गिरिडीह में भर्ती कराया था. उस समय महिला चिकित्सक डॉ बबली जया मुर्मू ने कहा कि उसके पेट में दो माह का गर्भ है, जिसे साफ करना होगा. उसी दिन चिकित्सक ने उसके गर्भाशय का ऑपरेशन कर दिया और कहा कि बच्चादानी में ट्यूमर था.
अत्यधिक गंभीर हो जाने पर उसे 26 फरवरी 2017 को पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया गया. वहां इलाज के दौरान चिकित्सक ने बताया कि उसके गर्भाशय में कोई ट्यूमर नहीं था बल्कि उसके गर्भाशय को काट दिया गया है और यह चिकित्सक की लापरवाही है. इस घटना में आशा की जान भी जा सकती है. वहां करीब 20 से 25 दिनों के इलाज के बाद उसे घर ले आया. धनवार लौटने पर उसकी पत्नी कुछ दिनों तक ठीक रही उसे बाद पुन: 8.4.2018 को इलाज के लिए धनबाद ले जाया गया.
वहां इलाज के दौरान नौ अप्रैल 2018 को सुबह करीब 4 बजे आशा की मौत हो गयी. बताया कि सदर अस्पताल गिरिडीह के महिला चिकित्सक की लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की मौत हुई है. उसके निधन से उसके दो छोटे बच्चे हैं.पत्नी की मौत से काफी परेशानी हो रही है.
क्या कहती हैं एसडीओ
मामले में एसडीओ विजया जाधव ने कहा है कि चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत का मामला आया है. उपायुक्त ने इस मामले की जांच कर इसका प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है. इसके लिए सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी प्रशिक्षु आइएएस प्रेरणा दीक्षित को जांच की जिम्मेदारी दी गयी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इसे उपायुक्त को सौंपा जाएगा. कहा है कि ऐसे मामलों से सदर अस्पताल से जनता का विश्वास उठ रहा है. इसे बरकरार रखने के लिए जांच के बाद ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा.
सिविल सर्जन ने जांच के लिए बनायी टीम
मामले में सिविल सर्जन डाॅ रामरेखा प्रसाद ने कहा है कि मामला उनके पास आया है. इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. कमेटी में डॉ रेखा झा, डाॅ सर्जना शर्मा और डॉ राजीव कुमार को शामिल किया गया है. 15 जुलाई तक जांच प्रतिवेदन सौंपना था,लेकिन अबतक नहीं आया है. तीन दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन मांगा गया है.
टीम को इस मरीज का रिकाॅर्ड और ऑपरेशन पंजी भी देखने का निर्देश दिया गया है. प्रतिवेदन आते ही कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा. उन्होंने कहा है कि गर्भाशय का ऑपरेशन से आशा की मौत होती तो उसी समय या फिर 10 से 15 दिनों के अंदर मौत हो जाती. संभवत: उसकी मौत किसी अन्य बीमारी हुई होगी. जांच प्रतिवेदन आने से ही यह साफ हो सकेगा.

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