गढ़वा. सदर अस्पताल में चिकित्सकों के कभी ओपीडी से तो कभी इमरजेंसी ड्यूटी से गायब रहने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया. एक मरीज कीटनाशक खाकर गढ़वा सदर अस्पताल आया और इमरजेंसी ड्यूटी पर चिकित्सक के नहीं रहने के कारण समय पर इलाज नहीं होने से उसकी मौत हो गयी. मृतक गढ़वा थाना क्षेत्र के झोंटी गांव निवासी वृक्ष मेहता का पुत्र अशोक महतो (40 वर्ष) बताया गया है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि अशोक महतो ने घर में विवाद के बाद कीटनाशक खा लिया था. इसके बाद परिजन उसे गढ़वा सदर अस्पताल लेकर आये. वहां पर रोस्टर के अनुसार इमरजेंसी ड्यूटी दोपहर एक बजे से चार बजे तक डॉ. नौशाद आलम की थी. इधर डॉ नौशाद सहित पांच चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए गढ़वा से बाहर भेज दिया गया है. पर डॉ नौशाद की जगह पर डॉ राजीव कुमार रजक को इमरजेंसी ड्यूटी की जिम्मेदारी दी गयी थी. लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं थे. इस दौरान मरीज तड़पता रहा, लेकिन उसका इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर सदर अस्पताल में मौजूद नहीं था. काफी देर तक जब कोई चिकित्सक नहीं आया, तो इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार को मिली. तब वह सदर अस्पताल पहुंचे और इलाज शुरू किया. लेकिन तब तक मरीज की हालत काफी गंभीर हो गयी तथा उसकी मौत हो गयी. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव का अंत्यपरीक्षण कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया है. चिकित्सक के एक दिन का वेतन काटा : इधर इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टर की एक दिन की सैलरी काटी गयी है और संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दे दी गयी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही जानकारी मिली, तत्काल चिकित्सक की व्यवस्था कर इमरजेंसी सेवा बहाल की गयी.
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