भवनाथपुर.
भीषण गर्मी के कारण सदाबह कही जानेवाली प्रखंड की कई नदियां पूरी तरह सूख गयी हैं. इससे अप्रैल में ही तटवर्ती गांवों में जहां जलसंकट उत्पन्न हो गया है, वहीं पशु-पक्षियों के लिए भी पानी का संकट हो गया है. भवनाथपुर प्रखंड की नौ पंचायतों में बहने वाली करीब आधा दर्जन नदियां पूरी तरह बेपानी हो गयी हैं. कैलान पंचायत व पंडरिया पंचायत के बीच से गुजर कर व फिर सेल डैम से निकलकर बहने वाले बनरझूला व झरिअवा नाला को छोड़ किसी नदी-नाले में पानी नहीं है. प्रखंड की मकरी पंचायत के बड़का खाड़ी नामक स्थान से बगही नदी की उत्पत्ति हुई है. यह नदी मकरी पंचायत के बीच से गुजर कर चपरी पंचायत के सिंघिताली गांव के किनारे से होकर खरौंधी प्रखंड के ढंढरा नदी में मिलतीं है. वह नदी भी पूरी तरह से सूख गयी है. मकरी पंचायत व अरसली दक्षिणी पंचायत के बीच में कड़िया डैम के पास से निकलने वाली रजदहवा नदी बुका, भवनाथपुर, सिंघिताली गांव होते हुए खरौंधी प्रखंड के ढंढरा नदी में मिलती है. यह नदी भी पूरी तरह सुख चुकी है. यह दोनों नदियां सदाबह हुआ करती थी. उधर कैलान पंचायत के बीच जंगलों से गुजरने वाली नदियों में एक झोंक नदी है. इसमें भी पानी नहीं है. इसी पंचायत में पिआह नाला है, जो सूख गया है. अरसली उत्तरी पंचायत के जमुतिया जंगल से निकलकर वैषनाराज नदी बहती है, जो झुमरी गांव होते हुए टाउनशिप रेलवे साइडिंग के बीच से होकर सेल डैम में मिलती है. इस नदी में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है. यह भी पूरी तरह से सूख चुकी है. इधर पंडरिया पंचायत में करमाही व फुलवार के बीच से गुजरने वाली दो नाला बनरझूला व झरिअवा सेल डैम से हो कर गुजरती हैं. इन दोनों नदियों को छोड़कर प्रखंड क्षेत्र की सभी नदियां सूख गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है