गढ़वा. स्थानीय जीएन कॉन्वेंट प्लस टू स्कूल के सभागार में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक मदन केशरी औऱ उपप्राचार्य बसंत ठाकुर ने की. निदेशक ने कहा कि यह दिवस हर वर्ष 21 फरवरी को मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लुप्त प्राय भाषाओं के संरक्षण के माध्यम से भाषायी विविधता को बढ़ावा देना है. यह दिन सांस्कृतिक पहचान और संचार को निर्धारित करने में मातृ भाषाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. भाषा मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. भाषा के माध्यम से ही एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है. दुनिया भर के कई देशों, राज्यों, कस्बों और क्षेत्रों में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं. पर हर भाषा लोगों से संवाद स्थापित करने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने कहा कि भाषा वह डोर है जो सभी को एक साथ बांधती है दुनिया भर में अलग-अलग जातियां, धर्म और संप्रदायों और अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं. इन मतभेदों के पीछे एकता और समानता है, जो सभी को एक साथ बांधती है. भाषा वह दर्पण है जिसमें व्यक्ति की संस्कृति और सभ्यता झलकती है. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस सांस्कृतिक विविधता और विभिन्न भाषाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. ताकि लोगों में न केवल अपनी और दूसरों की भाषाओं के प्रति प्रेम विकसित हो बल्कि विभिन्न मातृ भाषाओं के बारे में भी ज्ञान प्राप्त हो सके. मंच का संचालन उप प्राचार्य बसंत ठाकुर ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक संतोष प्रसाद ने किया. इनकी रही भूमिका : कार्यक्रम को सफल बनाने में और शिक्षक खुर्शीद आलम,वीरेंद्र शाह,कृष्ण कुमार, विकास कुमार, नीरा शर्मा, नीलम कुमारी, सुनीता कुमारी, रागिनी कुमारी, शिवानी गुप्ता, ऋषभ,पूजा प्रकाश, संतोष प्रसाद आदि की भूमिका सराहनीय रही.
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