कांडी. भाजपा किसान मोर्चा के सदस्य रामलला दुबे ने झारखंड सरकार पर किसानों का भयादोहन, शोषण व वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिला के दर्जनों किसानों का पिछले वर्ष का धान खरीद का पैसा अभी तक नहीं मिला. इस बार किसानों का सैकड़ों क्विंटल धान विभिन्न पैक्सों में पड़ा है. सरकार की कार्यशैली से किसान हताश व निराश हैं. चुनाव के दौरान सरकार ने किसानों से तीन हजार रु किवंटल धान खरीदने का वादा किया था. जबकि धान की खरीदारी चौबीस रुपए प्रति किलो की दर से की गयी है. तौल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पा रहा है. धान खरीद का पैसा मांगने वाले किसानों पर केस भी दर्ज किया जा रहा है, जो सरकार की तानाशाही व किसानों का भयादोहन है. कड़ी मेहनत कर किसान फसल पैदा करते हैं, नीलगाय, वन सूअर व हाथी के द्वारा किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार कई बार किसानों द्वारा जंगली जानवर से किसानों की फसलों को बचाने की गुहार लगायी जा रही है, लेकिन इसके निदान के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. उल्टे भवनाथपुर सहित गढ़वा जिले के कई किसानों पर नीलगाय की मौत पर केस दर्ज कर उनका भयादोहन किया जा रहा है. जंगली जानवर की सुरक्षा की जिम्मेवारी वन विभाग की होती है, लेकिन वन विभाग अपनी जिम्मेवारी पर पर्दा डालने के लिए किसानों को फसा रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है की किसानों पर दर्ज मामले वापस ले कर अपने वादा के अनुसार किसानों की धान खरीद का भुगतान किया जाये, नहीं तो विवश होकर किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
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