गढ़वा.
राज्य में सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड लागू करने तथा इससे पहले जातिगत जनगणना रोकने की मांग को लेकर 27 मई को झामुमो जिला कमेटी आंदोलन शुरू करेगी. झामुमो के जिला सचिव मो शरीफ अंसारी ने बताया कि झामुमो का स्पष्ट मत है कि जब तक सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड लागू नहीं होता, तब तक झारखंड में जातिगत जनगणना नहीं होने दी जायेगी. इसी मांग को लेकर झामुमो जिला इकाई 27 मई को एक विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगी. इसकी शुरुआत पूर्वाह्र 11 बजे गढ़वा टाउन हॉल मैदान से न्यू समाहरणालय तक मार्च से होगी. इसके बाद समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. उन्होंने झामुमो के सभी नेता, कार्यकर्ता एवं गढ़वा जिला की जनता से अनुरोध किया है कि इस आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें. सभी मिलकर आदिवासी समुदाय के धर्म, अस्तित्व और अधिकार की रक्षा के लिए एकजुट हों. मो शरीफ ने कहा कि गत वर्षों से झारखंड सरकार द्वारा आदिवासियों की धार्मिक पहचान को मान्यता देने के लिए 11 नवंबर 2020 को सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड विधेयक झारखंड विधानसभा से पारित कर भारत सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया था. लेकिन दुर्भाग्यवश लगभग पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी भारत सरकार ने इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है. इसी बीच भाजपा नेतृत्व वाली भारत सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है. यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार आदिवासी समुदाय के अस्तित्व, उनकी आस्था, और अधिकार को नजरअंदाज कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है