– सात साल तक बेटे की खोज-खबर नहीं
– वाकया रमना प्रखंड के करचा गांव का.
– कमाने के लिए चेन्नई गया था उमेश.
– न वह लौटा, न कोई सूचना मिली.
रमना (गढ़वा) : सात वर्ष तक अपने पुत्र के आने का इंतजार करने के बाद अंतत: पिता ने निराश होकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. शव की जगह उसने अपने बेटे का पुतला बना कर पुतले को ही मुखागिA दी. वाकया प्रखंड के करचा गांव का है.
यहां के गणोश राम का पुत्र उमेश (उम्र करीब 24 वर्ष) सात साल पहले गढ़वा के एक ठेकेदार अयोध्या राम के साथ काम करने चेन्नई गया था.
जो आज तक घर नहीं आया. ठेकेदार से पता करने पर वह हमेशा उमेश के लौटने का मात्र आश्वासन देता रहा और एक दिन उसने उमेश के कुछ कपड़े उसके घर भेज दिये. उस समय भी ठेकेदार ने यह नहीं कहा कि उमेश मर गया है. वह पहले की तरह की उमेश के लौट आने का आश्वासन दिया. लेकिन घरवाले ठेकेदार द्वारा उसके कपड़े भेजने एवं सात साल के बीच एक भी उमेश के न तो आने और न ही उसके द्वारा फोन करने के कारण उसके जीवित होने की उम्मीद त्याग दिया और उसके अंतिम क्रिया कर देना उचित समझा.
उसके पिता गणोश राम ने मंगलवार को उसका पुतला बना कर दाह संस्कार किया. साथ ही उसका श्रद्धकर्म भी परंपरागत तरीके से किया. विदित हो कि उमेश की शादी हो चुकी थी. उसकी पत्नी के साथ एक बेटे और एक बेटी भी है. बड़ी बेटी रानी दस वर्ष की तथा बेटा राजू सात वर्ष का है.
उसके आश्रित को समस्या है कि उमेश के मरने की कानूनी पुष्टि होने के अभाव में उन्हें कोई प्रशासनिक सहायता भी नहीं मिल पा रही है.