शहीद आशीष सिंह एवं शौर्य चक्र विजेता शहीद आशीष तिवारी को श्रद्धांजलि दी
गढ़वा : सीआरपीएफ 172 वाहिनी ने गढ़वा क्वार्टर गार्ड पर मंगलवार को शौर्य दिवस मनाया. इस अवसर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. इसमें कैंप के आसपास के क्षेत्र विशेष रूप से दानरो नदी छठ घाट की सफाई की गयी. इसके पश्चात शौर्य दिवस समारोह का आयोजन किया गया. सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी पीएस घोष की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में अपने शहीदों को याद करते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.
इस मौके पर श्री घोष ने अपने सीआरपीएफ के शहीद जवानों को याद करते हुए कहा कि अपने नायकों की वीरतापूर्ण कार्यों को ताजा रखने व इनसे प्रेरणा लेने के लिए यह शौर्य दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने रण ऑफ कच्छ के भारतीय क्षेत्र में अपना दावा स्थापित करने के लिए वर्ष1965 को भारतीय सीमा चौकियों के विरुद्ध ऑपरेशन डेजर्ड हॉक चलाया था.
उस समय उक्त क्षेत्र का रख-रखाव सीआरपीएफ की चार कंपनियां कर रही थी. पाकिस्तान ने नौ अप्रैल को भारतीय सीमा पर हमला कर दिया. इसका सीआरपीएफ के जवानों ने दृढ़तापूर्वक इसका विरोध करते हुए युद्ध लड़ा और पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया. इस दौरान पाकिस्तानी सेना के 34 जवान मारे गये थे, जबकि चार को जिंदा पकड़ लिया गया था.
इस युद्ध में सीआरपीएफ के भी आठ जवान वीर गति को प्राप्त हो गये थे और हमारे 19 जवानों को पाकिस्तानी सेना ने बंधक बना लिया था. सीआरपीएफ की छोटी सी टुकड़ी रहने के बावजूद पाकिस्तानी सेना के पूरे ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को विफल कर दिया था. तबसे सीआरपीएफ नौ अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाता है. इस मौके पर उप कमांडेट योगेंद्र कुमार मिश्रा, सहायक कमांडेट तुलिका सिन्हा सहित अन्य सभी अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे.
गढ़वा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी : शौर्य दिवस के अवसर पर कमांडेट के निर्देश पर सीआरपीएफ की 172वीं वाहिनी ने गढ़वा प्रखंड के गरनाहा गांव निवासी शहीद आशीष कुमार सिंह को श्रद्धांजलि दी. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहीद आशीष के गांव गरनाहा जाकर उनकी पत्नी आशा कुंवर और अन्य परिजनों के साथ श्रद्धांजलि दी.
इस दौरान शहीद आशीष के बलिदान को याद किया गया. इसके साथ ही सीआरपीएफ के अधिकारियों ने मेराल प्रखंड के अटौला गांव जाकर शौर्य चक्र विजेता आशीष कुमार तिवारी के परिजनों से मिलकर उनकी वीरता को भी याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.