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आदिम जनजाति को भगाने पर अमादा हैं टाइगर प्रोजेक्ट के गार्ड
बड़गड़ : बड़गड़ प्रखंड अंर्तगत झारखंड की दूसरी सबसे ऊंची चोटी सरूवत पहाड़ पर विगत कई दशकों से निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार के लोगों को वन विभाग के कर्मियों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है. सरूवत पर रहने वाले आदिम जनजाति परिवार के लोगों को टाइगर प्रोजेक्ट के टेकर गार्ड द्वारा […]
बड़गड़ : बड़गड़ प्रखंड अंर्तगत झारखंड की दूसरी सबसे ऊंची चोटी सरूवत पहाड़ पर विगत कई दशकों से निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार के लोगों को वन विभाग के कर्मियों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है. सरूवत पर रहने वाले आदिम जनजाति परिवार के लोगों को टाइगर प्रोजेक्ट के टेकर गार्ड द्वारा बेवजह परेशान करने का मामला प्रकाश में आया है.
जिससे संबंधित सिकायत सरूवत पाट पर रहने वाले आदिम जनजाति परिवार के ग्रामीण सुधु कोरवा, सुनील कोरवा, बंगाल कोरवा, भोला कोरवा, लगन कोरवा, चेपा कोरवा, रमेश किसान, जिगड़ी देवी, ननकी देवी, रूकमानी देवी, पोकली देवी आदि ने दर्जनों के संख्या में बड़गड़ आकर प्रभात खबर के प्रतिनिधि को बताया कि टाईगर प्रोजेक्ट के टेकर गार्ड राजेंद्र यादव, बाबुलाल किसान व फागु किसान द्वारा उन्हें पिछले छः माह से वन भूमि पर मकान होने की बात कहकर घर हटाने के लिये परेशान किया जा रहा है.
पूछे जाने पर उक्त टेकरों द्वारा कहा जाता है कि यह जगह जंगली जानवरों के रहने के लिए है. यहां तुमलोगों का घर नहीं रहेगा. इसे तोड़कर तुमलोग जगह को खाली कर दो, वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जंगल के जिस पेड़ से हमलोग अपने जीविकोपार्जन के लिए महुआ चुनते थे. उस पेड़ को भी टेकरो ने इस वर्ष उनसे छीन लिया.
उक्त पेड़ों का महुआ भी इस वर्ष टेकरो ने हीं चुन लिया. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि जन वितरण प्रणाली से मिलने वाला अनाज भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है. जिससे संबंधित शिकायत प्रेस के माध्यम से उपायुक्त गढ़वा एवं राज्य सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया है.
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