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लाभुकों के नाम पर निकाल लिये पैसे
10 वर्ष बाद ऋण चुकाने का नोटिस मिलने के बाद लाभुकों को मिली इसकी जानकारी दिनेश पांडेय वंशीधर नगर : किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर गरीबों को झांसे में रख लाखों रुपये वसूलने का मामला प्रकाश में आया है. कुंबा गांव के 20 से अधिक लाभुकों के नाम पर केसीसी ऋण निकाल लिया गया […]
10 वर्ष बाद ऋण चुकाने का नोटिस मिलने के बाद लाभुकों को मिली इसकी जानकारी
दिनेश पांडेय
वंशीधर नगर : किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर गरीबों को झांसे में रख लाखों रुपये वसूलने का मामला प्रकाश में आया है. कुंबा गांव के 20 से अधिक लाभुकों के नाम पर केसीसी ऋण निकाल लिया गया है.
जबकि उन लाभुकों को इसकी भनक तक नहीं है. लाभुकों को की इसकी जानकारी तब हुई, जब आठ से 10 वर्ष बाद उन्हें ऋण चुकाने का नोटिस मिला. इस संबंध में कुंबा गांव के बुधन सिंह, आभा तिग्गा, लाला सिंह, वचन सिंह, सुरेंद्र खलखो, सुदीप तिर्की, लालमुनि उरांव, राजेंद्र उरांव, राम केवल उरांव, कामेश्वर उरांव, ललिता केरकेट्टा, पचिया कुंवर, केलमेट उरांव, तोफिल टोप्पो, लुकस भुइयां, सूर्य प्रकाश खलखो, रवि उरांव, विक्रमा सिंह, कृष्णा उरांव, सोहराई उरांव, महेंद्र उरांव, मगन सिंह आदि ने बताया कि नगर ऊंटारी निवासी राकेश विश्वकर्मा उर्फ मुन्ना विश्वकर्मा गांव में आकर हमलोगों को 10-10 हजार रुपये देकर कहा कि यह राशि आपलोगों को सरकार की तरफ से अनुदान के रूप में दी गयी है.
इस राशि को सरकार को वापस नहीं करना है. लेकिन अब हमलोगों को नीलाम पत्र पदाधिकारी द्वारा 88-88 हजार रुपये का ऋण चुकता करने का नोटिस दिया गया है.
वहीं कई लोगों के नाम पर कुर्की जब्ती का वारंट निर्गत और कुछ लोगों को ऋण की राशि जमा नहीं करने पर जेल भेज दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि यह ऋण आठ से 10 वर्ष पूर्व राकेश विश्वकर्मा ने बैंक प्रबंधक की मिलीभगत से हमलोगों के नाम पर निकाला है. इस संबंध में पूछे जाने पर राकेश विश्वकर्मा ने कहा कि मुझ पर लगाया गया आरोप निराधार व बेबुनियाद है. यह मामला 10 वर्ष पूर्व का है. उस समय किसी ने कुछ नहीं कहा.
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