घाटशिला.
घाटशिला प्रखंड की गोपालपुर पंचायत स्थित दाहीगोड़ा बैंक ऑफ इंडिया गोपालपुर शाखा के पास 15वें वित्त आयोग के तहत वर्ष 2022 में लगभग 4 लाख 94 हजार रुपये की लागत से एक सौर ऊर्जा चालित जलमीनार का निर्माण किया गया था. उद्देश्य था राहगीरों, स्थानीय दुकानदारों और आम नागरिकों को शुद्ध पेयजल की सुविधा प्रदान करना. शुरुआती दिनों में यह व्यवस्था कारगर रही, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार यह जलमीनार एक-दो महीने बाद ही खराब हो गयी और तब से अब तक लगभग साढ़े तीन वर्षों से बेकार पड़ी है. अब यह जलमीनार झाड़ियों- जंगलों से ढंक गयी है. नीचे लगे नल पूरी तरह सूखे पड़े हैं, जबकि गर्मी के इस भीषण मौसम में क्षेत्र के लोगों और राहगीरों के लिए यह एक उपयोगी संसाधन हो सकता था. लाखों की लागत से बना यह जलमीनार जहां लोगों की प्यास बुझाने के लिए बनाया गया था, वहीं अब यह सिर्फ विज्ञापन लगाने का खंभा बनकर रह गया है. स्थानीय लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि सार्वजनिक संपत्ति पर निजी स्कूल का प्रचार बोर्ड कैसे लगाया गया. इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं यह टंकी केवल प्रचार का माध्यम बनकर तो नहीं रह गया.यह जलमीनार करीब साढ़े तीन साल से खराब है. गर्मी में पानी की बहुत दिक्कत हो रही है. –अरविंद सिंह, दाहीगोड़ा निवासी
जलमीनार बनने के एक महीने बाद ही यह खराब हो गयी. अब तक मरम्मत नहीं हुई. प्रशासन और पंचायत को ध्यान देना चाहिए.– बासुदेव बेहरा, स्थानीय दुकानदार
यह एक प्रचार बोर्ड बनकर रह गयी है. पहले आसपास के घरों के निवासी इससे पानी भरते थे, लेकिन अब मरम्मत न होने के कारण यह बेकार पड़ी है. –मनोज कुमार सीट, स्थानीय दुकानदार
गर्मी में जल संकट गहरा रहा है, और यह टंकी झाड़ियों से लिपटी खड़ी है. इससे राहगीर, दुकानदार, स्थानीय लोग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.-राजेश बंसल, स्थानीय दुकानदार
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