बोड़ाम.
बोड़ाम की पहाड़पुर पंचायत स्थित डांगरडीह गांव की वेदनी वाला कुंभकार (55) का शुक्रवार की सुबह सामाजिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया. वेदनी वाला कुंभकार को गुरुवार की शाम सांस लेने की तकलीफ हुई थी. सूचना देने के करीब तीन घंटे बाद 108 एंबुलेंस गांव में पहुंची थी. समय पर इलाज नहीं मिलने से महिला की मौत हो गयी थी. सांस लेने में तकलीफ होने पर ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के आपातकालीन नंबर 108 पर संपर्क किया. एंबुलेंस तीन घंटे बाद पहुंची थी.बेंगलुरु में काम करता है पति
मृतका के पुत्र जगन्नाथ कुंभकार ने कहा कि पिता जागरण कुंभकार श्री श्री रविशंकर आश्रम बेंगलुरु में सेवा करते हैं. उन्हें घटना की जानकारी दी है. अचानक हुई घटना से परिवार में मातम है.
पटमदा व बोड़ाम में एक एंबुलेंस व एक चालक 10-12 घंटे करता है काम : आरके सिंह
पटमदा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आरके सिंह ने कहा कि पटमदा व बोड़ाम में प्रखंड में एक मात्र 108 वाहन और पटमदा सीएचसी में एक एंबुलेंस व एकमात्र ड्राइवर है. वह 10 से 12 घंटे काम करता है. बोड़ाम पीएचसी के लिए अलग से एक 108 एंबुलेंस वाहन व्यवस्था की मांग की गयी है. एक और ड्राइवर की मांग की गयी है, ताकि क्षेत्र के लोगों को एंबुलेंस वाहन सुविधा समय पर मिल सके.पूरी व्यवस्था समझकर सुधारेंगे : बलराम
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ बलराम झा ने कहा कि उन्हें घटना की विस्तृत जानकारी नहीं है. वे पूरे मामले का पता लगायेंगे. जहां भी व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश होगी. उसे दुरुस्त किया जायेगा.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मौत हुई : मुखिया
मुखिया अजब सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से वेदनी वाला कुंभकार की मौत हुई. बोड़ाम के लावजोड़ा गांव में बने पीएचसी में शाम चार बजे के बाद डॉक्टर नहीं रहते हैं. यहां एंबुलेंस की सुविधा नहीं है. ग्रामीणों को समय पर 108 एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाती है. ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के प्रति रोष है. बोड़ाम प्रखंड में जल्द एंबुलेंस देने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

