पोटका. हाता स्थित शाह स्पंज एंड पावर लिमिटेड में कार्यरत मजदूर राजेंद्र उपाध्याय की मौत के बाद मुआवजे को लेकर गतिरोध दूसरे दिन रविवार को भी कायम रहा. शाम को मुआवजा को लेकर सहमति नहीं बनने से विवाद उत्पन्न हो गया था. इससे अफरा- तफरी मच गयी. मृतक के परिजन और जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ के सदस्य 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर अड़े हैं. इस कारण दूसरे दिन भी मुआवजा को लेकर सहमति नहीं बन सकी. कर्मी राजेंद्र उपाध्याय 10 अक्तूबर को ड्यूटी के दौरान झुलसे गये थे. इलाज के दौरान शनिवार को टीएमएच में मौत हो गयी.
प्रबंधन ने दिया 17.50 लाख रुपये का प्रस्ताव :
जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ के महामंत्री राजीव पांडेय के नेतृत्व में कंपनी प्रबंधन के वरीय अधिकारी सत्यनारायण झा के साथ टीएमएच में कई दौर की वार्ता हुई. शुरुआत में कंपनी प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को सात लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया था. महासंघ के महामंत्री राजीव पांडेय के विरोध के बाद प्रबंधन ने 17.50 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति जतायी, जबकि जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ की मांग है कि वर्कमैन कॉम्पेंसेशन के तहत 9. 50 लाख, 11 साल की ग्रेच्युटी की राशि लगभग 1 लाख 50 हजार, मृतक की पत्नी व दोनों बच्चों के नाम पर 5 लाख और 11 महीने का वेतन लगभग 4 लाख और शव को चित्रकूट ले जाने के लिए 50 हजार की राशि देने की मांग की. मुआवजे पर सहमति नहीं बनने के कारण मृतक की पत्नी आशा उपाध्याय और उनके पुत्र रूद्र उपाध्याय व मोहित उपाध्याय सहित परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है. राजेंद्र उपाध्याय का शव अभी भी टीएमएच जमशेदपुर के शीतगृह में रखा हुआ है. महासंघ के सदस्यों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ टीएमएच में नारेबाजी की. महासंघ ने उचित मुआवजा नहीं मिलने पर कंपनी के मुख्य गेट को जाम करने की चेतावनी दी है.
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