गालूडीह.
डिमना से साकची आमबागान मैदान तक चार जनवरी को डहरे टुसू परब का आयोजन होगा. इसे लेकर बालीगुमा करम आखड़ा में रविवार को तैयारी बैठक की गयी. स्वतंत्रता सेनानी शहीद रघुनाथ महतो के वंशज भूपेन हिंदोयार ने बैठक की अध्यक्षता की. बृहद झारखंड कला-संस्कृति मंच के बैनर तले बैठक में इस बार डहरे टुसू परब को पहले से कहीं अधिक व्यापक और भव्य बनाने पर सहमति बनी. डहरे टुसू परब में घाटशिला अनुमंडल से हजारों की संख्या में लोग पारंपरिक परिधान और ढोल-धमसे के साथ शामिल होंगे. बैठक में असित काडुआर, नेपाल महतो, सुधांशु महतो बनुआर, निर्मल महतो, दिलीप कुमार महतो, मंटू महतो, काकोली महतो, सोयोन महतो, भूपेन महतो, फूलचंद महतो, देवेंद्र महतो, प्रताप महतो, चंदन महतो, मनोज महतो, दीपक, रंजीत समेत कई सदस्य उपस्थित थे. मौके पर भूपेन हिंदोयार ने कहा कि सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है.झांकी व छऊ नृत्य दल होगा आकर्षण का केंद्र
13 माह में 13 परब की विशेष झांकी, छऊ नृत्य दल की सांस्कृतिक प्रस्तुति, 1000 धमसा वादकों की विशाल झांकी व 2000 पीली साड़ी में सांस्कृतिक टीम की भागीदारी होगी. बैठक में बताया कि टुसू परब, जो परंपरागत रूप से नदी-तालाब किनारे मनाया जाता था, को सड़क (डहर) पर लाने का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को शहरों में पुनः स्थापित करना व इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना हैं. इसी सोच के साथ हर वर्ष डहरे टुसू परब को भव्य रूप से आयोजित किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

