चाकुलिया.
चाकुलिया हवाई पट्टी परिसर स्थित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट में रविवार को डालसा सचिव धर्मेंद्र कुमार और घाटशिला सिविल कोर्ट के एसजीएम अशोक कुमार पहुंचे. आजसू नेता स्वप्न सिंहदेव द्वारा हाइकोर्ट में पीआइइएल याचिका दायर करने पर हाइकोर्ट ने जांच का आदेश दिया है. डीएलएसए सेक्रेटरी ने प्लांट की जांच की. उन्होंने प्लांट चलाने को कहा. परंतु, प्लांट में बिजली नहीं होने के कारण जेनरेटर चालू किया गया. जेनरेटर से कंपोस्ट मशीन चालू हुई पर ब्रिक मशीन चालू नहीं हुई. शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये विभिन्न बिंदुओं पर जांच की. जांच के उपरांत बिंदुवार रिपोर्ट हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपने की बात डालसा के सचिव ने कही. डालसा सचिव धर्मेंद्र कुमार विगत 7 मई को भी इस प्लांट का निरीक्षण कर चुके हैं. उस दौरान भी शिकायतकर्ता की लगभग सभी शिकायतें सही पायी गयीं थीं. शिकायतकर्ता स्वप्न सिंहदेव ने बताया कि आश्चर्य की बात यह है कि करोड़ों के इस प्लांट में अभी तक बिजली का कनेक्शन भी नहीं है. पदाधिकारियों के आने पर दिखावे के लिए जेनरेटर चलाकर प्लांट शुरू कर दिखा दिया जाता है. परंतु, इस प्लांट का बाद में कोई उपयोग नहीं किया जाता है. शहर से एकत्र किए जाने वाले कचरे को कचरा प्लांट के आसपास हवाई पट्टी परिसर में यूं ही फेंक कर छोड़ दिया जाता है. मौके पर एसआई अजीत कुमार, संतोष दे, चिन्मय महापात्र, चंपकलता महतो, असीम नाथ, गौरव शर्मा, लिटा मुर्मू, अंबुज कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.सरकारी राशि की लूट का आरोप
चाकुलिया नगर पंचायत प्रशासन द्वारा हवाई पट्टी के समीप ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र की स्थापना की गयी. संयंत्र स्थापित करने का काम पायोनियर कंपनी को मिला. संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 5 करोड़ तथा 20 वर्ष तक संचालन के लिए लगभग 32 करोड़ इस योजना के लिए स्वीकृत हुई. हाई कोर्ट में पीआइएल दाखिल करने वाले स्वपन सिंहदेव ने बताया कि इस योजना में सरकारी पैसों की लूट हुई है.
5 एचपी की जगह 0.5 एचपी का लगाया मोटर
संयंत्र में कई स्थानों पर मोटर लगाने का प्रावधान था. सूचना के अधिकार का इस्तेमाल कर उनकी जानकारियां संबंधित विभाग से ली गयी. जिससे यह जानकारी मिली कि जिस स्थान पर 5 एचपी के मोटर को लगाना था, वहां 0.5 एचपी के मोटर लगाये गये. परिसर में वाहनों पर लगे कचरा को वजन करने के लिए कांटा स्थापित किया गया है. विभाग से 30 टन क्षमता वाले कांटा स्थापना की राशि निकासी की गयी है, जबकि 20 टन क्षमता वाले कांटा को ही स्थापित किया गया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि बिजली कनेक्शन के नाम पर विभाग से 7 लाख की निकासी की गयी है. संवेदक की लापरवाही के कारण विभाग द्वारा बिजली काट दी गयी है. इसके बाद से आज तक बिजली का संयोजन नहीं हो सका है. इस बीच दो बार डालसा के सचिव जांच कर चुके हैं. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र में चाकुलिया से निकले प्रतिदिन के कचरे का निष्पादन किया जाना है. इस संयंत्र में कचरों को रिसाइकिल करना है. जिसके माध्यम से कचरा से खाद और ईंट भी बनायी जानी थी. संयंत्र स्थापित हुए 5 वर्ष से भी अधिक बीत गये, पर आज तक एक भी ईंट नहीं बनी. खाद का भी निर्माण नहीं किया गया. परिसर में लगभग 40 से 50 लाख की लागत का एक वाहन खड़ा है. इस वाहन का इस्तेमाल चाकुलिया से कचरा साफ करने में किया जाना था. परंतु, जिस दिन से इस वाहन की खरीदारी हुई है, उस दिन के बाद से एक दिन भी इस वाहन को चाकुलिया की सड़क पर नहीं निकला गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

