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Jharkhand Weather: झारखंड के बहरागोड़ा का पारा पहुंचा 46.4 डिग्री, सीजन का सबसे गर्म दिन किया गया रिकॉर्ड

Jharkhand Weather: झारखंड के बहरागोड़ा का पारा शनिवार को 46.4 डिग्री पहुंच गया. मौसम विभाग के अनुसार सीजन का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया. जमशेदपुर शहर का अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस रहा.

Jharkhand Weather: जमशेदपुर-सीजन का सबसे गर्म दिन शनिवार को रिकॉर्ड किया गया. शनिवार को शहर का अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस रहा. पिछले 24 घंटे में तापमान में 1.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई. शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, मौसम विभाग के द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, शनिवार को बहरागोड़ा का अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

सुबह 10 बजे से लू चलने लगी
शनिवार की सुबह आठ बजे ही तेज धूप निकल गयी थी, जबकि सुबह 10 बजे से लू चलने लगी थी. गर्म हवा के थपेरों ने दिन भर हर आम व खास को परेशान किया. दोपहर में घर से निकलना दूभर हो गया है. इस दौरान हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है. मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को शहर का अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था. वहीं, न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हवा में आर्द्रता की अधिकतम मात्रा 37 प्रतिशत, जबकि न्यूनतम मात्रा 19 प्रतिशत रही.

टाटा जू में जानवरों के बाड़े में लगाये गये कूलर
जमशेदपुर शहर का तापमान 44 डिग्री के पार चला गया है. इससे आम लोग परेशान है. जानवरों और पक्षियों पर भी मौसम का प्रतिकूल असर पड़ने लगा है. इसको देखते हुए टाटा जू में जानवरों और पक्षियों के लिए खास व्यवस्था की गयी है. इसके तहत जानवरों के खान पान में बदलाव किया गया है. खास तौर पर मांसाहारी जानवरों को दिन में तीन बार नहलाया जा रहा है. उनके हर बाड़े में पर्याप्त पानी का इंतजाम रखा जा रहा है.

गर्मी से बचाव की व्यवस्था
तेंदुआ, भालू, शेर, बाघ के बाड़े में कूलर लगा दिये गये हैं ताकि वे लोग गर्मी से राहत ले सके. इसके अलावा कई स्थानों पर पुआल से उनके बाड़े को घेर दिया गया है. चिड़ियाघर के डायरेक्टर डॉ नईम अख्तर ने बताया कि जानवरों का खास ख्याल रखा जा रहा है. अधिकांश बाड़े में पानी का इंतजाम किया गया है. पानी के फव्वारे हिरणों के बाड़े में लगा दिये गये है. छतों पर बांस लगाये गये है. जानवरों के खाने में उनको कूल रखने वाली दवाएं दी जा रही है जबकि शाकाहारी जानवरों को मौसमी फल दिया जा रहा है. लंगूर, हिरण समेत अन्य जानवरों को पपीता समेत अन्य मौसमी फल दिये जा रहे है. इसके अलावा फूट सप्लीमेंट भी दिये जा रहे है. हायना, चीता, तेंदुआ, शेर को ग्लूकोज भी दिया जा रहा है जबकि मांस के साथ लिक्विड ग्लूकोज भी दिये जा रहे हैं.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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