गालूडीह.पूर्वी सिंहभूम के दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 18वीं मैराथन बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक सह चेयरमैन डॉ देवाशीष महतो ने की. बैठक का उद्घाटन रांची बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ अब्दुल माजिद अंसारी, सस्य विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डॉ आरपी मांझी व कृषि वैज्ञानिकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. जिले में कृषि और किसानों की उन्नति को लेकर वार्षिक कार्य योजना पर विचार हुआ.बैठक में कृषि वैज्ञानिकों से कहा गया कि ऐसा काम करें कि किसानों को लाभ मिले. क्षेत्र की मूल समस्या का समाधान करें. डॉ अंसारी ने कहा कि क्षेत्र में बीज की बढ़ती कीमत और खेत में निकलते खरपतवार की बड़ी समस्या से किसान जूझ रहे हैं. इसका निदान जरूरी है. मंचिंग और टपक सिंचाई पर जोर देना जरूरी है. डॉ आरपी मांझी ने किसानों की समस्या को चिह्नित कर निदान पर जोर दिया. प्राकृतिक खेती व मोटे अनाज को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया.
जिले में 85 हजार किसान पंजीकृत, धान व सरसों बीज का होगा उत्पादन
कृषि विज्ञान केंद्र दारीसाई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अमरेश चंद्र पांडेय ने 2024 की प्रगति रिपोर्ट पेश की. वहीं, वर्ष 2025 की कार्य योजना की जानकारी दी. बताया गया कि केंद्र में जिले के 85 हजार किसान पंजीकृत हैं. आधुनिक कृषि तकनीक को किसानों तक पहुंचाना है. इस बार केंद्र में सहभागी किस्म के धान के 10 क्विंटल और सरसों के 5 क्विटल प्रमाणिक बीज उत्पादन का लक्ष्य है. धान तीन हेक्टेयर और सरसों 2 हेक्टेयर में करेंगे. जिले भर के 500 किसानों की मिट्टी जांच कर रिपोर्ट देंगे. कृषि, पशुपालन, उद्यान के विकास पर जोर :बैठक में जिला कृषि विभाग, पशुपालन, उद्यान आदि कृषि वैज्ञानिक और कृषि से जुड़े एनजीओ के सदस्यों ने अपने विचार रखे. सभी ने खेती-किसानी बचाने, किसानों को जागरूक करने, बागवानी पर जोर देने आदि विषयों पर चर्चा की. बैठक में एएसओ राजेश सोरेन, जेएसएलपीएस डीपीएम सुजीत बारी, एआरसीएस घाटशिला मंजू एक्का, अनवर अंसारी, बीसीइओ रत्नेश कांत झा, डीएएचओ जमशेदपुर डॉ पप्पू कुमार, एनजीओ से मानस कुमार दास, अर्चना, केंद्र के वैज्ञानिक डॉ डालेश्वर रजक, केबीके के भूषण प्रसाद, गोदरा मार्डी, जॉ लीली, कृषि विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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