बहरागोड़ा कॉलेज. रूसा, नेक, एआइएसएचइ और एनएएसी पर कार्यशाला आयोजित
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बेहतर माहौल रहा तो कॉलेज को ए ग्रेड
बहरागोड़ा कॉलेज. रूसा, नेक, एआइएसएचइ और एनएएसी पर कार्यशाला आयोजित बहरागोड़ा : समय बदलता है. इसे यहां की जनता ने जाना है और पहचाना है कि किस दिशा में जाना है. इस कॉलेज को राज्य जानेगा. सिर्फ कदम बढ़ाना है. ऐसा बेहतर माहौल रहा, तो इस कॉलेज को ए ग्रेड मिलेगा. उक्त बातें मानव संसाधन […]
बहरागोड़ा : समय बदलता है. इसे यहां की जनता ने जाना है और पहचाना है कि किस दिशा में जाना है. इस कॉलेज को राज्य जानेगा. सिर्फ कदम बढ़ाना है. ऐसा बेहतर माहौल रहा, तो इस कॉलेज को ए ग्रेड मिलेगा. उक्त बातें मानव संसाधन विकास विभाग से प्रतिनिधि सह नोडल ऑफिसर डॉ एसडी सिंह ने कही. शनिवार को वे बहरागोड़ा कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य डॉ एसपी माहलीक की अध्यक्षता में आयोजित रूसा, नेक, एआइएसएचइ और एनएएसी पर कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
डॉ सिंह ने कहा कि आपसी विचारों का आदान-प्रदान शिक्षा का बेस्ट माध्यम है. समाज को कॉलेज की जरूरत है. सभी को अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी. इस कॉलेज का शैक्षणिक माहौल बेहतर है. काफी अहम बदलाव आये हैं. वह दिन दूर नहीं जब इस कॉलेज में कैंब्रिज विवि की पढ़ाई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ कोर्स का खुलना जरूरी है और कुछ का बंद होना भी जरूरी है. क्योंकि कई ऐसे कोर्स हैं, जिनमें पांच साल में एक भी छात्र नहीं रहा. 20 पद समाप्त होंगे. वहीं 200 पद मिलेंगे. भरपूर बहाली होगी.
शिक्षकों की बहाली हो, बुनियादी सुविधाएं बहाल हों: डॉ षाड़ंगी
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी ने कहा कि बहरागोड़ा की मिट्टी प्रतिभाओं की खान है. यहां के स्कूल और कॉलेज से डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रोफेसर निकले. मगर आज स्थिति यह है कि एक चपरासी का निकलना भी मुश्किल हो गया है. शिक्षकों की कमी दूर किये बगैर और बुनियादी सुविधाएं बहाल किये बगैर कुछ भी संभव नहीं है.हम अतीत से प्रेरणा लें. उन्होंने कहा कि अल्प संख्यक छात्रावास 10 साल से बेकार पड़ा है. खंडहर बन रहा है. आज तक हैंड ओवर नहीं हुआ.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केंद्र बने यह कॉलेज: डॉ गोस्वामी
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि प्रयास ऐसा हो कि यह कॉलेज गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का केंद्र बने. इंटर का अलग भवन बने. शिक्षा का बेहतर माहौल बने. हम अपने इतिहास को अपने चश्मे से देखें. दूसरों के चश्मे देखने की जरूरत नहीं. तक्षशिला विवि का गौरवमय इतिहास पढ़ें. कुतुबमीनार क्यों देखें? बाबर और तैमूरलंग को महिमा मंडप करने की जरूरत क्या है. भारतीय इतिहास को नये ढंग से गढ़ने की जरूरत है. हमारे आदर्श शिवाजी, बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हु, चांद-भैरव हैं. राष्ट्रवादी नजरिया से भारतीय इतिहास को गढ़ने की जरूरत है. डॉ गोस्वामी ने कहा कि शिक्षक पूरी तैयारी के साथ क्लास में जायें. ताकि वे छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं का उत्तर दे सकें. यह कॉलेज प्रभारी प्राचार्य डॉ माहलीक के नेतृत्व में बेहतर कर रहा है.
शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी है: डॉ सतपती
रांची विवि के भूगोल विभाग के पूर्व एचओडी डॉ डीडी सतपती ने कहा कि शिक्षक कभी बदलते नहीं. शिक्षक का काम गलत को मिटाना और सही को बताना है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी है. उच्च शिक्षा में तो और गिरावट आयी है. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर हो.
कॉलेज की समस्याएं दूर हों: डॉ माहलीक
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एसपी माहलीक ने कहा कि यह कॉलेज आपका है. इसे बेहतर बनायें. कॉलेज की समस्याएं दूर हों. यहां कई समस्याएं हैं. काफी परेशानी होती ही. सभी के सहयोग से ही यह कॉलेज बेहतर बनेगा. कार्यशाला में कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष हंबीर हेंब्रम, सचिव यादव पात्र तथा विवि के उप सचिव कु़णाल सीट ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो भुनेश्वरी षाड़ंगी ने किया. कार्यशाला का संचालन प्रो डीके सिंह ने किया. इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का उदघाटन किया. कार्यशाला में जेके बीएड कॉलेज के चेयरमैन जामिनी कांत महतो, प्रो बीएम गिरी, प्रो चिन्मय पटनायक, डॉ बाल कृष्ण बेहरा, इंदल पासवान, प्रो बिरबल हेंब्रम, डॉ ए वर्मा, डॉ त्रिवेदी, डॉ टी मंडल, प्रो पी प्रसाद, पूर्व छात्र सह जिप सदस्य अर्जुन पूर्ति, देवेश दास, तापस साव, तापसस महापात्रा, राजीव लोचन नामता, असीत मिश्रा, बाप्तु साव, गौरव पुष्टि, समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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