जोदूगोड़ा-मुसाबनी सड़क पर हादसा
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मां ने जान दे दी, पर बच्ची को बचा लिया
जोदूगोड़ा-मुसाबनी सड़क पर हादसा जादूगोड़ा : जब जान पर बन आती है, तो सब अपनी बचाने की सोचते हैं. लेकिन, एक मां ही ऐसी होती है जिसे बच्चे की चिंता पहले होती है. बालुबासा निवासी पानो ने सोमवार को अपने बलिदान से ममता को फिर सर्वोच्च स्थापित कर दिया. बालुबासा निवासी पानो देवगम (45) अपने […]
जादूगोड़ा : जब जान पर बन आती है, तो सब अपनी बचाने की सोचते हैं. लेकिन, एक मां ही ऐसी होती है जिसे बच्चे की चिंता पहले होती है. बालुबासा निवासी पानो ने सोमवार को अपने बलिदान से ममता को फिर सर्वोच्च स्थापित कर दिया.
बालुबासा निवासी पानो देवगम (45) अपने देवर सिंगराई हो के साथ बाइक से अपने मायके मुसाबनी जा रही थी. बाइक पर पीछे वह अपनी गोद में बच्ची को लेकर बैठी हुई थी. इस बीच जादूगोड़ा-मुसाबनी मुख्य सड़क पर नेत्र गांव के समीप बाइक का संतुलन खराब हो गया और वह बच्ची समेत नीचे गिरने लगी. उसे लगा कि बच्ची को ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसलिए, पानो ने अपनी बेटी को गोद में कसके पकड़ लिया. और वह पीठ के बल चलती बाइक से नीचे गिर गयी. इससे उसके सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगी. बच्ची गो में थी, इसलिए उसे सीधे तौर पर कोई चोट नहीं आयी. हां, बाइक से गिरने के बाद वह गोद से छिटक गयी. इससे उसे हल्की खरोंच आयी है.
पानो के देवर को जब उसके गिरने का एहसास हुआ तो, उसने तत्काल ब्रेक लगा दी. बाइक को छोड़कर वह अपनी भाभी की तरफ भागा.
मां ने जान दे दी…
तब तक वहां लोग इकट्ठा हो गये. वहां मौजूद लोगों व परिजनों के सहयोग से वह अपनी भाभी पानो को लेकर अस्पताल ले जाने लगा. लेकिन, रास्ते में ही पानो ने दम तोड़ दिया. समाचार लिखे जाने तक पानो का शव अस्पताल में ही पड़ा हुआ था.
एक वर्षीय बेटी, जिसे पानो ने अपनी जान देकर बचा लिया.
एक वर्षीय बेटी, जिसे पानो ने अपनी जान देकर बचा लिया.
बालुबासा निवासी पानो अपने देवर के साथ बाइक से मुसाबनी स्थित मायके जा रही थी
नेत्रा गांव के पास बाइक से गिर गयी, लेकिन बच्ची को गोद में कस कर पकड़ी रही
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