आइसीसी कंपनी में दूसरे दिन भी मजदूरों और ट्रकों के घुसने पर रोक
घाटशिला : मऊभंडार कारखाना में विधायक रामदास सोरेन की आर्थिक नाकेबंदी और धरना के दूसरे दिन मंगलवार को भी ठेका कर्मियों और ट्रकों को झामुमो कार्यकर्ताओं ने घुसने नहीं दिया. ठेका कर्मियों के कारखाना में काम से रोके जाने के कारण दूसरे दिन कारखाना में उत्पादन प्रभावित हुआ.
वहीं मालवाहक ट्रकों पर बाहर से भेजे जाने वाले कच्चे माल के साथ ट्रक मऊभंडार स्थित गांधी स्पोर्टिग मैदान के पास खड़े रहे. मंगलवार को परसों रात से कारखाना में घुसे ठेका कर्मियों को झामुमो कार्यकर्ताओं ने निवेदन पूर्वक माला पहना कर बाहर निकाल दिया. दोपहर में कारखाना में कार्यरत कर्मियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी थी.
उक्त भोजन एबुलेंस से कारखाना के अंदर भेजा जा रहा था. उसे कार्यकर्ताओं ने कारखाना गेट के पास कार्यकर्ताओं ने उतार लिया और धरना के दौरान डयूटी पर कार्यरत पुलिस कर्मियों के झामुमो कार्यकर्ताओं द्वारा एबुलेंस से उतारे गये भोजन को खाया.
वार्ता से उठ कर चले गये विधायक
विधायक ने अनुमंडल कार्यालय में आयोजित वार्ता से उठ कर चले गये. उन्होंने कहा कि जब अनुमंडल कार्यालय में 11 दिसंबर को पूर्व एसडीओ अमित कुमार की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी. उस समय यह निर्णय लिया गया कि एक माह के भीतर कंपनी प्रबंधन विधायक की मांगों पर संतोषजनक जवाब दे, परंतु एक माह बीत जाने के बाद उन्हें कंपनी प्रबंधन ने कोई उचित जवाब नहीं दिया.
इसके कारण उन्हें आर्थिक नाकेबंदी और धरना कार्यक्रम आयोजित करना पड़ा. विधायक ने कहा कि कंपनी प्रबंधन ने जब वार्ता आयोजित की थी, उन्हें वार्ता में डीएसली, एएलसी को बुलाना चाहिए था. बिना डीएलसी और एएलसी की वार्ता आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि वे कंपनी प्रबंधन की बात मान रहे हैं, परंतु प्रबंधन बहाली की घोषणा कर दे.
वे आंदोलन वापस ले लेंगे. इसके बाद विधायक वार्ता से उठ कर चले गये. वार्ता में जीएम एचसी श्रीवास्तव, सीनियर मैनेजर (एचआर) हवालदार सिंह समेत कंपनी के दो अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
वार्ता के दौरान प्रभारी एसडीओ सह एलआरडीसी शंकर यादव, ओपी प्रभारी मनोज गुप्ता, जगदीश भकत, बाघराय मार्डी, घनश्याम महतो, काजल डॉन समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे.