गालूडीह : गालूडीह थाना क्षेत्र के उलदा में स्थित तारापोर एंड कंपनी में मजदूरी नहीं मिलने से उत्पन्न विवाद का मामला सोमवार को त्रिपक्षीय वार्ता में सुलझ गया.
काम से वंचित मजदूरों के समर्थन में कांग्रेस के नेतृत्व में जुलूस निकाल कर पिछले दिनों विरोध-प्रदर्शन किया गया था. तब कंपनी के अरुण कर्ण ने समझौते को लेकर सोमवार को वार्ता की तिथि मुकर्रर की थी.
तय तिथि के अनुसार आज कंपनी परिसर में त्रिपक्षीय वार्ता हुई. इसमें कंपनी ने मजदूर हित पर कांग्रेस द्वारा उठायी गयी सभी मांगों को माना और कहा कि वर्तमान में हमें 400 मजदूरों की जरूरत है, जबकि 420 मजदूर काम कर रहे हैं. जब और मजदूरों की जरूरत होगी, तो कंपनी नोटिस निकाल कर गठित कमेटी के माध्यम से मजदूरों को बहाल करेगी. वार्ता में गठित कमेटी में उलदा के मुखिया वकील हेंब्रम और प्रमुख श्रृति देवगम को शामिल करने पर सहमति बनी.
आम सहमति पर विवाद का पटाक्षेप हो गया. वार्ता में कंपनी की ओर से अरुण कर्ण, गठित कमेटी की ओर से भूतनाथ हांसदा, नारायण सिंह, लाल मोहन सिंह, फनी भूषण सिंह आदि. कांग्रेस की ओर से प्रखंड अध्यक्ष राज किशोर सिंह, प्रमुख श्रृति देवगम, बुद्धेश्वर मार्डी, मुखिया वकील हेंब्रम, बासंती प्रसाद सिंह, राखोहरी महतो, जतन गिरी,राजाराम गोप आदि उपस्थित थे. वार्ता में कांग्रेसियों ने मजदूर हित में कई मांगें रखी, जिसे कंपनी ने स्वीकार किया, परंतु बहाली काम के अनुपात में करने की बात कही.
मजदूर हित में रखी मांग
वार्ता में कांग्रेस ने मजदूर हित में कई मांगें रखी, जिसमें स्थानीय मजदूरों को बहाल करने, न्यूनतम मजदूरी देने, भविष्य निधि ओर बोनस देने, फेसटिवल और नेशनल होली डे पर अवकाश देने, मेडिकल लीव देने, सुरक्षा का इंतजाम करने और साबुन, तेल, गमछा, जूता, टोपी उपलब्ध कराने की मांगें शामिल हैं
अधिकांश मांगें मानी
कंपनी की ओर से अरुण कर्ण ने अधिकांश मांगें मान ली. कहा कि न्यूनतम मजदूरी सभी को दिया जाता है. स्थानीय लोगों को ही बहाल किया गया है. बोनस, सुरक्षा, मेडिकल का पूरा इंतजाम है. सिर्फ बहाली तत्काल नहीं कर पायेंगे. काम जितना है, उससे अधिक मजदूर कार्यरत हैं. काम बढ़ेगा, तब और मजदूरों को नोटिस निकाल कर लिया जायेगा. स्थानीय को प्राथमिकता मिलेगी.