मुसाबनी : सोमवार शाम को केंदाडीह प्रशासनिक भवन में विस्थापितों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गयी. वार्ता में विस्थापित तत्काल लोगों की बहाली करने तथा बाकी बचे सात लोगों की बहाली बाद में प्राथमिकता के आधार पर करने की मांग पर अड़े रहे.
प्रबंधन तत्काल नौकरी देने पर असमर्थता जताया तथा करीब दो घंटे चली वार्ता में गतिरोध का समाधान नहीं हो पाया. वार्ता में एचसीएल–आइसीसी के जीएम (माइंस) डीके चौधरी, एजीएम एसके पटनायक, माइंस मैनेजर मसांग मांझी, एमएमपीएल की ओर से वरीय परियोजना प्रबंधक राजीव सोम, प्रबंधक (एचआर) रंजन कुमार, राम सागर सिंह, तेरेंगा पंचायत की मुखिया दुलारी सोरेन, जिप सदस्य सुकलाल हेंब्रम, उप मुखिया रसराज दास, वार्ड मेंबर पानमनी किस्कू, नमिता नमाता, लुगू राम ममरू, चयनित सदस्य सुभाष लोहार, गोपाल लोहार, पंचानन दास, शिव चरण सोरेन, ग्राम प्रधान प्रफुल्ल सोरेन तथा आंदोलनकारी विस्थापितों की ओर से घासीराम सोरेन, जितेन सोरेन, रायसेन सोरेन समेत सभी विस्थापितों ने भाग लिया. विस्थापित 26 अगस्त से नौकरी की मांग को लेकर केंदाडीह खदान के गेट पर धरना पर बैठे हैं.
विस्थापितों ने 11 सितंबर से खदान से पानी निकासी भी बंद करा दिया है. इसके कारण केंदाडीह खदान से पानी निकासी समेत आवश्यक सेवाएं पूरी तरह से ठप है.