मुसाबनी : तेरेंगा के खड़ियाटोला के पोरान मुमरू (48) की गंभीर बीमारी से मौत हो गयी. परिजनों के मुताबिक वह तेरेंगा के सफेद पत्थर बनाने वाले एक क्रशर में मजदूरी करने के दौरान श्वांस से संबंधित गंभीर बीमारी का शिकार हुआ था. गरीबी तथा लाचारी से करीब तीन साल जूझते रहे. मंगलवार की रात पोरान मुमरू की मौत हो गयी.
पोरान मुमरू के परिवार में पत्नी डोमनी मुमरू, बूढ़ी मां शुरूवाली मुमरू तथा दो पुत्र सोमाय मुमरू और बुद्धिनाथ मुमरू हैं. डोमनी मुमरू के अनुसार पोरान मुमरू ने करीब तीन साल तक तेरेंगा के एक क्रशर में काम किया था. इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गयी. उसका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत कई जगह कराया था, लेकिन लाभ नहीं हुआ.
क्रशर के मालिक द्वारा बीमार पोरान को प्रति सप्ताह 150 रुपये दिये जाते थे, लेकिन पिछले एक माह से उक्त राशि भी बंद हो गयी थी. डोमनी के अनुसार मजदूरी कर उसने अपने बीमार पति का इलाज कराया.
पोरान मुमरू की मौत पर ओसाज के सुमीत कर ने कहा कि इससे पूर्व भी उक्त क्रशर में काम करने वाले तीन दर्जन मजदूरों की इस गंभीर बीमारी से मौत हो चुकी है. श्री कर के अनुसार पोरान मुमरू का तीन बार एक्सरे कराया गया था.
जांच रिपोर्ट में क्वार्टज उद्योग में काम करने के कारण फेंफड़े की बीमारी होने की बात कही गयी थी. ग्रामीण पोरान मुमरू की मौत को सिल्कोसिस नामक बीमारी से हुई मौत मान रहे हैं.