मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन दूसरे दिन भी जारी
बागजाता माइंस का मुख्य गेट दूसरे दिन रहा जाम, काम ठप
मुसाबनी : माइनिंग मेट सुधाकर घोष के परिजनों को 15 लाख मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को यूसिल में स्थायी नौकरी देने की मांग को लेकर बुधवार को दूसरे दिन भी बागजाता माइंस का मुख्य द्वार जाम रहा. बुधवार को भी मजदूर धरना पर बैठे. धरना झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के बैनर तले दिया जा रहा है. धरना के दूसरे दिन झारखंड आंदोलनकारी चिह्न्तिीकरण आयोग के सदस्य सह भाजपा नेता लक्ष्मण टुडू भी धरने पर बैठे और लोगों का हौसला बढ़ाया.
श्री टुडू ने यूसिल प्रबंधन पर मजदूर विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मृत मजदूर सुधाकर घोष के परिवार को उचित मुआवजा तथा स्थायी नौकरी दी जाये. उन्होंने यूसिल प्रबंधन पर दुर्घटना के बाद सुधाकर घोष के परिजन को सूचना नहीं देने को गंभीर मामला बताया तथा प्रबंधन पर मामले को छुपाने का आरोप लगाया. लक्ष्मण टुडू ने कहा कि खदान चले, क्षेत्र के लोगों का विकास हो, लेकिन प्रबंधन को भी मजदूर हितों का ख्याल रखना चाहिए. धरने पर बैठे मजदूरों को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोरचा के प्रदेश उपाध्यक्ष लखन मार्डी ने कहा बूमर की चपेट में आकर खदान में हुई सुधाकर घोष के मामले में बागजाता प्रबंधन को मृतक के परिजन को मुआवजा और स्थायी नौकरी देनी होगी.
श्री मार्डी ने कहा कि बागजांता खदान तथा बूमर दोनों यूसिल की है. ऐसे में यूसिल प्रबंधन मुआवजा और स्थायी नौकरी देने से क्यों कतरा रहा है. दुर्घटना की स्वाभाविक जिम्मेवारी यूसिल की है. धरना के दूसरे दिन भी यूसिल की बागजाता खदान में काम काज ठप रहा. खदान में घटना के दूसरे दिन भी कोई मजदूर या अधिकारी काम पर नहीं पहुंचे. धरने पर बैठे मजदूरों एवं ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मृतक के परिजन को 15 लाख मुआवजा तथा स्थायी नौकरी नहीं मिल जाती, तब तक शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा.