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पुजारी के साथ आये बंगाल के लोग, पूजा से रोका, लाठी चार्ज

घाटशिला : मालीगढ़ संरक्षण समिति, काकड़ाझोड़ के साथ विवाद मंदिर के पुजारी से ही पूजा कराने पर अड़े थे ग्रामीण कानीमहुली भैरव स्थान में बंगाल से आये लगभग 15 लोगों के विरोध और मारपीट करने का क्या कारण था. काड़ाडुबा पंचायत समिति सदस्य सारथी टुडू तथा आसपास के ग्रामीणों का कहना था कि बीते 26 […]

घाटशिला : मालीगढ़ संरक्षण समिति, काकड़ाझोड़ के साथ विवाद

मंदिर के पुजारी से ही पूजा कराने पर अड़े थे ग्रामीण
कानीमहुली भैरव स्थान में बंगाल से आये लगभग 15 लोगों के विरोध और मारपीट करने का क्या कारण था. काड़ाडुबा पंचायत समिति सदस्य सारथी टुडू तथा आसपास के ग्रामीणों का कहना था कि बीते 26 मार्च को कानीमहुली में अनुमंडलाधिकारी अरविंद कुमार लाल आये थे. उनके समक्ष ग्रामीणों ने एक ही प्रस्ताव रखा था कि पश्चिम बंगाल से अगर सरहुल के दिन पूजा करने कोई व्यक्ति आता है तो उसे पूजा करने से कोई मनाही नहीं होगी.
लेकिन पूजा मंदिर के पुजारी सुधीर मिश्रा करायेंगे. मंदिर के अंदर अज्ञात फूल और प्रसाद किसी भी हाल में चढ़ाने नहीं देंगे. लोग पूजा करें और जायें. इसके बावजूद भी प्रशासन की मौजदूगी में पश्चिम बंगाल से आये लोगों ने पूजा की तो कोई बात नहीं थी. लेकिन शिव मंदिर में पुजारी को पूजा करने से क्यों रोक दिया. ग्रामीणों ने कहा कि पुजारी 365 दिन पूजा करते हैं. मगर उन्हें पूजा करने से कोई नहीं रोकता है. सरहुल पूजा के दिन मंदिर में प्रवेश कर पूजा अपने से करने आैर अज्ञात फूल और सिंदुर लेकर पूजा करने को लेकर विरोध था. बंगाल से आये लोग केवल पूजा कर चले जाते तो उन्हें कोई नहीं रोकता. मारपीट भी नहीं होती. इसके लिए प्रशासनिक पदाधिकारी और थाना प्रभारी दोषी हैं. आक्रोशित ग्रामीणों को सीओ राजेंद्र प्रसाद सिंह, सर्किल इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह और थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने समझा कर मामले को शांत कराया.
पुलिस सुरक्षा में हुई पूजा
बंगाल से पूजा करने आये लोगों को ग्रामीणों ने चारों तरफ से घेर लिया और विरोध जताना शुरू कर दिया. पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया तो ग्रामीणों ने भी पुलिस का विरोध किया. बंगाल से मंदिर में पूजा करने आये लोगों के साथ धक्का मुक्की हुई. बंगाल के लोगों को भैरव स्थान में पूजा कराने के कारण ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ धक्का मुक्की की. ग्रामीणों के विरोध के कारण पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी. पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना प्रभारी आइसी दयामय माझी, सीओ राजेंद्र प्रसाद सिंह, सर्किल इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह और थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह, धालभूमगढ़ थाना प्रभारी उत्तम कुमार तिवारी, एएसआइ रमेश महतो, सत्येंद्र दुबे, सदानंद सिंह,
पूर्वी सिंहभूम तथा कई पिकेट से पहुंचे पुलिस कर्मियों को पश्चिम बंगाल से सरहुल पूजा करने आये 11 लोगों को कांकड़ाझोड़ ले जाने में पसीना छूट गया.

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