दुमका नगर. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार भैया दूज गुरुवार को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. भाई के लंबी उम्र की कामना हर बहनों के मन व दिलों में सदियों से रही है. भाई-बहन के अटूट प्रेम को सूत्र में पिरोते इस त्योहार को जितना उत्साह बहनों में दिखा, उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे. भाइयों ने भी अपनी बहनों को स्नेह स्वरूप उपहार दिए. भैया दूज के मौके पर बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों के घर पहुंची. गुरुवार को अहले सुबह से भैया दूज की तैयारी शुरू हो गयी थी. पर्व को लेकर बहनें सामग्री जुटाने में व्यस्त रही तो वहीं भाई भी पूरी तैयारी में जुटे रहे. शुभ समय के साथ बहनें अपने घर के आंगन में पर्व की सामग्री के सथ बैठी और पूजा में जुट गयी और भाई की लंबी आयु के लिए रंगीली कांटा अपने-अपने जीभ में चुभाया. इस दौरान पर्व से जुड़े पारंपरिक गीत भी बहनों की ओर से गाये जा रहे थे. पूजा के क्रम में महिलाओं व युवतियों ने पारंपरिक गीत के बीच भाइयों के लिए भईया दूज का पर्व मनाकर पूजा के दौरान रूई से बनायी हुई माला को भाइयों के हाथों व गला में पहनाया. लड़िकयों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस पर्व में शिरकत की. बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की तो भाइयों ने भी उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लेते हुए उपहार भेंट किया.वही बंगाली समाज में भी भाई फोटा का पर्व धूमघाम से मनाया गया. इस पर्व पर बंगाली समाज में बहनों ने अपने भाइयों की आरती उतार कर उनके माथे पर तिलक लगाया और उनके लंबी उम्र की कामना की. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था, जहां पर कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दीये जलाकर भाई का स्वागत किया था और तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना की. वर्तमान में भी यह प्रथा चली आ रही है.
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