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भागवत कथा महासागर में जो डुबकी लगाता है, ईश्वर के अधीन हो जाता

पंडित रवि रंजन शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पापकर्म धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं. पापकर्म समाप्त होने के साथ ही आपको आनन्द का अनुभव होने लगेगा.

सरैयाहाट. जमुआ गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के पांचवें दिन कथावाचक पंडित रवि रंजन शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा एक महासागर है. इसमें जो डुबकी लगाता है, वह ईश्वर के अधीन हो जाता है. उसके पापकर्म धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं. पापकर्म समाप्त होने के साथ ही आपको आनन्द का अनुभव होने लगेगा. उन्होंने कथा में कृष्ण लीला का वर्णन किया, जिससे श्रोता आनंदित हो गए. उन्होंने कहा कि गोपियों का जब माखन चुराकर कृष्ण खाते थे, तो इसकी शिकायत गोपियां यशोदाजी से करती थीं. लेकिन जब कृष्ण माखन खाने गोपियों के घर नहीं जाते, तो गोपियां व्याकुल हो जाती थीं. गोपियां कृष्ण को देखे बिना नहीं रह सकती थी. उन्होंने कहा कि जब भी मन अशांत लगे, दुख में हों तो कृष्ण की कथा व उनकी लीला को सुनना चाहिए. कृष्ण कथा श्रवण से सभी दुख स्वत: समाप्त हो जाते हैं. भागवत कथा से गांव का माहौल भक्तिमय बना हुआ है. कथा सुनने के लिए आसपास के गांव के श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. इस कथा में जजमान सीताराम मंडल व उसकी पत्नी गायत्री देवी है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जमुआ गांव के संजय कुमार मंडल, बबलू मंडल, अभिषेक मंडल, अमरनाथ मंडल, अमरेश कुमार, संतोष मंडल, सुभाष चन्द्र मंडल, प्रमोद मंडल, प्रीतम मंडल व अन्य नवयुवक काफी सहयोग कर रहे हैं.

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