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रुपये के लालच में दामाद ने की थी सास-ससुर की हत्या

दुमका में छह दिन पूर्व हुए वृद्ध दंपती हत्याकांड के खुलासे में यह कड़वा सच सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया कि जघन्य हत्या को अंजाम किसी बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि मृतक का छोटा दामाद सुबल साहा उर्फ भुलू साहा ने दिया था.

कॉल डिटेल से सच आया सामने, आरोपी के घर से जेवरात व मोबाइल बरामद

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चोरकट्टा गांव 20 अगस्त को हुई थी वारदात

संवाददाता, दुमका

रुपये का लालच इंसान को इतना अंधा कर देता है कि वह अपने सबसे करीबी रिश्तों को भी खत्म करने से नहीं चूकता. दुमका में छह दिन पूर्व हुए वृद्ध दंपती हत्याकांड के खुलासे में यह कड़वा सच सामने आया है. पुलिस ने खुलासा किया कि जघन्य हत्या को अंजाम किसी बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि मृतक का छोटा दामाद सुबल साहा उर्फ भुलू साहा ने दिया था. वह पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मारग्राम के दिगुली-मालपाड़ा का रहनेवाला है. अपने सास-ससुर की हत्या के बाद वह तीसरे दिन अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ. पुलिस की पूछताछ में पदाधिकारियों को दिग्भ्रमित कर खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास करता रहा. हालांकि पुलिस ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया, तो उसने सबकुछ उगल दिया. बता दें कि 20 अगस्त को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चोरकट्टा गांव निवासी नवगोपाल साहा (60) और उसकी पत्नी विभु साहा (55) का शव उनके ही घर से बरामद किया गया. सबसे पहले उनके पुत्र अजय साहा ने यह खौफनाक मंजर देखा. वह गोड्डा से ससुराल से लौटने के बाद घर पहुंचा तो माता-पिता का खून से लथपथ शव देखकर दंग रह गया. तत्काल पुलिस को सूचना दी थी.

एसपी ने बताया कॉल डिटेल ने खोला राज

एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि जांच में मृतक का मोबाइल गायब पाया गया. कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि अंतिम कॉल छोटे दामाद सुबल साहा का था. पूछताछ में वह पहले मुकरा और कहा कि वह लंबे समय से दुमका आया ही नहीं. लेकिन जब सबूतों के साथ दबाव बनाया गया तो उसने स्वीकार कर लिया कि उसने ही 19 अगस्त की रात हत्या की. उसने हत्या के बाद सास का सोने का गहना और आभूषण भी ले लिया था, जिन्हें पुलिस ने उसके घर से बरामद कर लिया. वहीं ससुर का मोबाइल उसने तालाब में फेंक दिया था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया. इस फोन को बरामद करने के लिए भी भरे तालाब में तैराक लड़कों को उतारना पड़ा था. नवगोपाल साहा की दो बेटियां और एक बेटा है. जानकारी के मुताबिक, छोटे दामाद सुबल ने ससुर से अपने वाहन (हाइवा) के लिए नये पहिए खरीदने के नाम पर रुपये मांगे थे. लेकिन ससुर ने उसे रुपये देने से साफ इनकार कर दिया. इसी से नाराज होकर सुबल ने पहले नवगोपाल पर ईंट से हमला कर दिया. कई बार वार से उनकी हत्या कर दी. जब पति को बचाने विभु साहा दौड़ी रसोई घर में पड़े बेलन लेकर उसे रोकने का प्रयास किया तो उसकी भी हत्या कर दी.

रिश्ते में पहले से थी नाराजगी

बताया जाता है कि मृतक नवगोपाल अपने छोटे दामाद से पहले से नाराज रहता था. उसकी वजह यह थी कि नवगोपाल ने अपनी बहन की शादी सुबल के बड़े भाई से की थी. उसी गांव में नवगोपाल ने बाद में अपनी छोटी बेटी की शादी तय की. दान-दहेज भी दे दिया. बाद में सुबल ने दबाव देकर नवगोपाल की छोटी बेटी से ही शादी कर ली. यानी नवगोपाल की बेटी ही अपनी फुआ की गोतनी बन गयी. यह रिश्ता नवगोपाल को कभी स्वीकार नहीं था. इसी नाराजगी के कारण वह छोटे दामाद को आर्थिक मदद देने से बचता था. इसी नाराजगी ने अंततः हत्या का रूप ले लिया.

मारने से पहले सुबल ने खाये थे सास के हाथ के बने पराठे

दरअसल 19 अगस्त की जिस शाम को नवगोपाल के बेटा-पतोहू मनसा पूजा में गोड्डा गये थे, उसी दिन देर शाम सुबल अपने ससुराल आ धमका. दरवाजे खटखटाने पर जल्द दरवाजा न खुलने पर इसे खुलवाने के लिए उसने अपने ससुर को फोन किया. यहीं पुलिस को कांड को सुलझाने में मदद की. घटना की रात ही पुलिस ने नवगोपाल के सीडीआर से यह पता लगा पाने में सफल रही थी कि वारदात में सुबल का कुछ न कुछ भूमिका तो है. सीसीटीवी खंगाला गया, तो भी वह बाइक से गांव आते देखा गया. दरअसल सुबल ने हाल ही में बिकी जमीन से मिले पैसे से मदद की उम्मीद लगायी थी, पर ससुर ने उसे झिड़क दिया था. सास उसके लिए खाना बना चुकी थी. उसने बैठकर खाना खाया. सास ने उसके लिए पराठे बनाये थे. खाना खाने के बाद ससुर अपने कपड़े खोलकर टांग ही रहे थे कि सुबल ने किचन में पड़ी ईंट व लकड़ी के पीढ़े से उनके सिर पर वार कर दिया. उन्होंने बचने की कोशिश की, पर आक्रोश सुबल के सिर पर सवार था. अचानक सिर पर हुए हमले से नवगोपाल ने बचने की कोशिश की, पर उनके प्राण निकल गये. सास ने उससे कहा कि यह उसने क्या किया, तो सुबल ने उसे भी मार डाला. उसी जगह उसने हाथ-पैर धोकर रात में बाइक से अपने घर लौट गया था.

पांच थानों की टीम को लगाया गया था उद्भेदन में

दोहरे हत्याकांड के उद्भेदन के लिए एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने एसडीपीओ विजय कुमार महतो की अगुआई में टीम गठित की थी, जिसमें पांच थानों के पुलिस पदाधिकारी एवं तकनीकी शाखा के एक्सपर्ट लगे थे. टीम में मुफ्फसिल थाना प्रभारी सत्यम कुमार, शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी अमित लकड़ा, जामा थाना प्रभारी अजीत कुमार, मुफ्फसिल थाना के एसआइ रौशन कुमार, निरंजन कुमार, नगर थाना के रोहित साव, महिला थाना की अनुपमा रश्मि सोरेंग, मुफ्फसिल थाना के एएसआइ बबन प्रसाद सिंह, तकनीकी शाखा के अमित कुमार शामिल थे.

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