नवम दीक्षांत समारोह. एसकेएमयू में टॉपर्स को मेडल प्रदान कर बोले कुलाधिपति-सह-राज्यपाल
संवाददाता, दुमकासिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का नवम दीक्षांत समारोह कन्वेंशन सेंटर दुमका में आयोजित हुआ, जिसमें टॉपर्स और सफलतापूर्वक शोध पूरा करनेवाले शोधार्थियों को कुलाधिपति सह राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि प्रदान की. टॉपर्स को उपाधि के अलावा गोल्ड मेडल भी प्रदान किये गये. कुलाधिपति सह राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों का खूब उत्साहबर्द्धन किया. उन्होंने कहा कि आज छात्रों के हाथों में जो उपाधि है, वह केवल प्रमाण-पत्र नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के त्याग और शिक्षकों के मार्गदर्शन का प्रतीक है. यह उपाधि छात्रों को बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करती है. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होगी, जब छात्र झारखंड के गांव, गरीब और दलित वर्ग के उत्थान में सक्रिय योगदान देंगे. कहा कि शोधार्थी अपने शोध व नवाचार से अपने क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं. समाज काे नयी दिशा दे सकते हैं. उन्होंने समाज के लिए प्रेरणा बनने और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का भी आह्वान किया. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कुनुल कंडिर ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्मारक टील्हा पर वीर सिदो-कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर करने के साथ हुआ, जिसके बाद जैसे ही कुलाधिपति और विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, उनका पारंपरिक लोटा-पानी से स्वागत किया गया, जो संताल परंपरा की सांस्कृतिक उत्कृष्टता को भी दर्शाता था.
शैक्षणिक जुलूस से हुई दीक्षांत समारोह की शुरुआत
दीक्षांत समारोह की औपचारिक शुरुआत शैक्षणिक जुलूस के साथ हुई, जिसकी गंभीरता, अनुशासन और गरिमा ने समारोह को भव्य बना दिया. जुलूस में कुलाधिपति संतोष गंगवार, कुलपति प्रो कुनुल कंडिर, कुलसचिव डॉ राजीव रंजन शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ रीना नीलिमा लकड़ा, सामाजिक विज्ञान एवं वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ टीपी सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ पीपी सिंह तथा विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह सहित अकादमिक परिषद, सिंडिकेट और सीनेट के सभी सदस्य शामिल हुए. कुलाधिपति के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान और कुलगीत की प्रस्तुति की गयी, जिसके बाद कुलपति ने कुलाधिपति का पुष्पगुच्छ, शॉल तथा स्मृति-चिह्न प्रदान कर स्वागत किया. इसके तुरंत बाद कुलसचिव डॉ राजीव रंजन शर्मा ने कुलाधिपति से समारोह के औपचारिक संचालन की अनुमति प्राप्त की, जिसे कुलाधिपति ने प्रदान किया. कुलपति प्रो कंडिर ने स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति, उपलब्धियों और भविष्य की शैक्षणिक योजनाओं पर प्रकाश डाला तथा उपस्थित उपाधि प्रापत शोधार्थियों को कर्तव्यनिष्ठा और सत्यनिष्ठा की शपथ दिलायी. इसके बाद विभिन्न संकायों के डीन ने क्रमशः अपने-अपने संकायों के उपाधिधारियों को उपाधि प्रदान करने के लिए कुलाधिपति और कुलपति के समक्ष प्रस्तुत किया. वहीं जो छात्र-छात्राएं समारोह में उपस्थित थे, उनके संबंध में कुलसचिव डॉ शर्मा ने विवरण प्रस्तुत किया. ताकि उन्हें भी अनुपस्थिति में उपाधि प्रदान की आज्ञा प्राप्त की. कुलाधिपति द्वारा अनुमति प्रदान किए जाने के बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ रीना नीलिमा लकड़ा ने सभी स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और पीएचडी उपाधि प्राप्त शोधार्थियों के नाम पुकारा, जिसके बाद राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री गंगवार ने उन्हें स्वर्ण पदक एवं डिग्री प्रमाणपत्र-पत्र प्रदान किया.
शैक्षणिक उपलब्धियों और छात्रों की मेहनत का है उत्सव: कुलपति
कुलपति डॉ कुनूल कांडिर ने कहा कि संताल परगना की पवित्र धरती पर आयोजित यह समारोह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों और छात्रों की मेहनत का उत्सव है. सिदो–कान्हू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय का नेतृत्व करना उनके लिए गर्व का विषय है. कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति का उल्लेख करते हुए बताया कि हाल के वर्षों में शैक्षणिक ढांचे का विस्तार, मॉडल कॉलेजों की स्थापना, शोध संस्कृति को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में उठाये गये महत्वपूर्ण कदम की चर्चा की. कहा कि दूरस्थ एवं आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है.छात्राओं की बढ़ती संख्या को सकारात्मक परिवर्तन का परिचायक
कुलपति ने कहा कि छात्रों की तुलना में विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या अधिक है. छात्राओं की बढ़ती संख्या को सकारात्मक परिवर्तन बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय लैंगिक समानता, समावेशिता और महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्ध है. शोध गतिविधियों, राष्ट्रीय सेमिनार, अकादमिक लेखन कार्यशालाओं तथा नये जर्नल के प्रकाशन को उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि बताया. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय नेट, जेट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कक्षाएं चला रही है, जिससे छात्रों को नये अवसर मिल रहे हैं. उन्होंने खेल उपलब्धियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हैंडबॉल और वॉलीबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है. उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा कि देश के कई सरकारी विश्वविद्यालय संसाधनों की कमी का सामना कर रहे हैं, जबकि निजी संस्थान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. एसकेएमयू इस अंतर को पाटने के लिए शोध, नवाचार और शिक्षक प्रशिक्षण को प्राथमिकता दे रहा है. कुलपति ने दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि प्राप्त करनेवाले सभी शोधार्थियों और सभी उपाधिधारियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता संताल परगना की संघर्षशील परंपरा और शिक्षण संस्कृति की जीत है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आनेवाले वर्षों में राज्य के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में शामिल होगा और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. समारोह सफल आयोजन के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों के प्रति आभार प्रकट किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

