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श्रावणी मेला 2023: बाबा बासुकिनाथ आने वाले 3000 श्रद्धालु टेंट सिटी में कर चुके विश्राम, मनोरंजन के लिए है LED

कठिन यात्रा के बाद बासुकीनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु फौजदारीनाथ बाबा पर जलार्पण करने के बाद टेंट सिटी में विश्राम करते हैं. टेंट सिटी में शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नान, आराम करने के लिए बेहतर के साथ साथ श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन भी लगायी गयी है.

बासुकिनाथ, आनंद कुमार जायसवाल: राजकीय श्रावणी मेला 2023 के दौरान दुमका जिले के बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मेला कई मायनों में खास है. श्रद्धालुओं की हर जरूरी सुविधा का ख्याल सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा रखा गया है. देवतुल्य श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य शिविर, आवासन केंद्र, टेंट सिटी, मनोरंजन के लिए कला मंच का निर्माण कई स्थानों पर किया गया है. श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है. श्रद्धालुओं को श्रावणी मेले में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. झारखंड की हेमंत सरकार व दुमका जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएं देने को लेकर तत्पर है. इसी दिशा में टेंट सिटी व स्वास्थ्य शिविर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं.

फौजदारीनाथ बाबा पर श्रद्धालु करते हैं जलार्पण

कठिन यात्रा के बाद बासुकीनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु फौजदारीनाथ बाबा पर जलार्पण करने के बाद टेंट सिटी में विश्राम करते हैं. टेंट सिटी में शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नान, आराम करने के लिए बेहतर के साथ साथ श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन भी लगायी गयी है. इस एलईडी स्क्रीन पर भक्ति संगीत आदि दिखाई जाती है, जो श्रद्धालुओं के मनोरंजन करने का कार्य करता है. दुमका का बाबा फौजदारीनाथ धाम इनदिनों शिवमय हो गया है. कांवरियों की भीड़ से भक्ति की बयार बह रही है.

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टेंट सिटी में 3000 श्रद्धालु कर चुके विश्राम

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दुमका जिले के बासुकीनाथ, दर्शनिया टीकर एवं हंसडीहा में टेंट सिटी बनाया गया है. इनमें अब तक लगभग 3000 श्रद्धालु विश्राम कर चुके हैं. श्रद्धालु कई बार की गयी व्यवस्था के खुद आकर स्थानीय कर्मियों के पास राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की इतनी सुंदर व्यवस्था के लिए आभार व्यक्त करते हैं. टेंट सिटी में सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है, जहां देश के विभिन्न राज्य से आये श्रद्धालु अपनी तस्वीर लेते हैं एवं बासुकीनाथ धाम से जुड़ी शानदार यादों को लेकर अपने घर वापस चले जाते हैं.

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बाबाधाम के बाद बासुकीनाथ धाम की यात्रा है जरूरी

देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम की तरह दुमका का बासुकीनाथ धाम भी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि बाबाधाम दीवानी न्यायालय है और बासुकीनाथ फौजदारी न्यायालय. अगर बाबाधाम में आपकी मनोकामना पूरी नहीं होती, तो बासुकीनाथ में अर्जी लगानी पड़ती है. इसलिए कांवर लेकर देवघर आने वाले श्रद्धालु बासुकीनाथ की भी यात्रा जरूर करते हैं. वहां बाबा बासुकीनाथ और मां पार्वती को जलार्पण करने के बाद ही कांवर यात्रा पूरी मानी जाती है. बाबाधाम की तरह बासुकीनाथ धाम में श्रावणी मेला लगता है.

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श्रद्धालुओं की हर सुविधा का रखा जा रहा ख्याल

दुमका के बासुकिनाथ धाम में आनेवाले श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है. श्रद्धालुओं को श्रावणी मेले में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. झारखंड की हेमंत सरकार व दुमका जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएं देने को लेकर तत्पर है. इसी दिशा में टेंट सिटी व स्वास्थ्य शिविर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं.

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बासुकिनाथ आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम की बेहतर जगह है टेंट सिटी

बासुकिनाथ आने वाले श्रद्धालु टेंट सिटी में विश्राम करते हैं. टेंट सिटी सभी जरूरी सुविधाओं से लैस है. बासुकीनाथ, दर्शनिया टीकर एवं हंसडीहा में टेंट सिटी बनाया गया है. अब तक हज़ार की संख्या में श्रद्धालु विश्राम कर चुके हैं. टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन एवं सेल्फी पॉइंट का निर्माण भी किया गया है. इतनी सुंदर व्यवस्था के लिए श्रद्धालु राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

शिवगंगा में एनडीआरएफ की टीम सक्रिय

बासुकिनाथ शिवगंगा में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तीन शिफ्ट में एनडीआरएफ टीम के गोताखोर सक्रिय हैं. हालांकि शिवगंगा की सफाई होने के कारण शिवगंगा में पानी कम है. शिवगंगा कुंड की ओर जाने से श्रद्धालुओं को रोका जाता है. कांवरिया पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर भोलेनाथ का जलार्पण कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा के सभी घाटों पर घूमती रहती है.

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