रानीश्वर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में अभी भी तीन दर्जन से भी अधिक भवन हैं, जो जर्जर स्थिति में हैं. कुछ तो ऐसे भी जर्जर भवन हैं जो किसी भी समय धराशायी हो सकते हैं. इनमें से किसी भवन का छत टूट कर गिर चुका है, तो किसी में सिर्फ दीवार खड़ी है. कहीं छत का छज्जा टूट कर गिर रहा है तो कहीं छत बीच में ही टूट कर गिर जाने से नीचे से आसमान दिखायी दे रहा है. इस संबंध में प्रभात खबर अखबार में कई बार प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी है. पिछले दो सालों के अंदर बहुत सारे स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर जर्जर भवनों को तोड़ा गया है. पर अभी भी करीब तीन दर्जन से भी अधिक स्कूलों में जर्जर भवन बरकरार है. पिछले दिन प्रखंड मुख्यालय में बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता आयोजित प्रखंड समन्वय समिति की बैठक में उपस्थित बीइइओ को वैसे जर्जर भवनों की सूची तैयार करने का आदेश दिया गया था. जानकारी के अनुसार रानीग्राम मिडिल स्कूल, यूएमएस लकड़ाघाटी उर्दू, प्रावि सुलंगो, जामग्राम, राणाबांध, पुतका, कठलिया, मसानपाड़ा, पांचपाहाड़ी, मोहुलबोना, बृंदावनी, लताबनी, नांदना, पारपलसा, भिटरा, बेलवुनी, गुलामसुली, वनबारी, अलीगंज, बांकाकेंद, एकतला, संग्रामपुर आदि स्कूलों में अभी भी जर्जर भवन है. बीइइओ सह बीआरसी समन्वयक एस्थेर मुर्मू ने कहा कि उपायुक्त के आदेशानुसार जिला शिक्षा अधीक्षक दुमका की ओर से बीइइओ को जर्जर भवनों की जांच जेई से कराने का आदेश दिया गया है. जेई द्वारा जर्जर भवनों की जांच के बाद तोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

