बासुकिनाथ. जरमुंडी प्रखंड की कुशमाहा पंचायत के मेघा गांव में मंगलवार को प्रभात खबर महिला संवाद का आयोजन किया गया. इसमें गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया. महिलाएं गांव और समाज की समस्याओं को भी मुखरता और आत्मविश्वास से रख रही हैं. इस दौरान महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किये. गांव स्तर पर व्याप्त समस्याओं को रखा. महिला संवाद का उद्देश्य विचारों व समस्याओं को जानने के लिए मंच प्रदान करना है. गांव की महिलाओं ने मुख्य रूप से वृद्धा, विधवा पेंशन, कुटीर उद्योग, मंईयां सम्मान योजना, शौचालय, बिरसा आवास योजना और बिजली, पेयजल के लिए चापानल की सुविधा, नाली निर्माण तथा सामुदायिक भवनों की मांग प्रमुखता से उठायी. कार्यक्रम में महिलाओं ने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया. विकास की दिशा में सुझाव दिये. कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्हें काम मिला है. मासिक मानदेय प्राप्त हो रहा है. नियमित आमदनी होने से घर में समृद्धि आयी है. पहले तो किसी तरह घर गृहस्थी चलाते थे. अब आर्थिक रूप से स्वावलंबी हुए हैं. बच्चों की परवरिश में सहूलियत हो रही है. उन्हें पढ़ा–लिखा रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का समुचित तरीके से लाभ गांव की महिलाओं को नहीं मिल रहा है. बरसात में सबसे ज्यादा पेयजल की किल्लत हो रही है. सप्लाइ पानी नहीं मिल रहा है. चापानल नहीं चल रहा है. सभी को बिरसा आवास योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. पेंशन का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. समूह की महिलाओं ने बताया कि आजीविका के नाम से जाना जानेवाला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य गरीब ग्रामीण लोगों को सतत आजीविका संवर्द्धन और बेहतर वित्तीय सेवाओं के माध्यम से सक्षम प्लेटफाॅर्म प्रदान करना है. ताकि महिलाओं की घरेलू आय को बढ़ाया जा सके. गांव में इसका लाभ नहीं दिख रहा है. प्रभात खबर द्वारा आयोजित प्रभात संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेकर सभी महिलाएं बहुत खुश दिखी. क्या कहती हैं गांव की महिलाएं एनआरएलएम के तहत पंचायत में अगरबती, पापड़, मोमबती बनाकर समूह की महिलाएं मिलकर छोटे-छोटे उद्योग चलाना चाहती हूं, लेकिन सरकार की ओर से इस तरह की यहां कोई व्यवस्था नहीं है. सरकार प्रशिक्षण देकर सुविधाएं मशीन आदि दे तो यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती है. बीणा देवी स्वयं सहायता समूह से स्वरोजगार के लिए लोन लिया है, उतना कम पैसा में कुछ नहीं होता है. सरकार गांव में महिलाओं को प्रशिक्षित कर छोटे-छोटे स्वरोजगार से जोड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. इस दिशा में कोई पहल नहीं होती है. खाली हाथ को काम दिलाने की जरूरत है. सविता देवी महिलाएं रोजगार से जुड़ना चाहती है. पर जानकारी के अभाव में इसका लाभ नहीं मिल पाता है. सरकार की ओर से किसी तरह की राशि नहीं मिलती है. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. यहां पर 12 स्वयं सहायता समूह चलता है. काम चल रहा है. रूपा देवी बिरसा आवास योजना का समुचित लाभ इस गांव में नहीं मिल रहा है. कार्यालय का चक्कर लगा रही हूं. संबंधित कर्मी कहते हैं, अभी सरकार द्वारा आवास योजना का पैसा नहीं भेजा गया है. कई जरूरतमंद लाभुक कार्यालय का चक्कर लगाते रहते हैं. पर कोई सुनवाई नहीं होती है. लाभ नहीं मिलता है. रेखा देवी सरकार द्वारा गांव क्षेत्र में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है. पढ़ी लिखी बहू- बेटियां घर में बेकार बैठी रहती है. लघु उद्योग से जोड़कर ऐसी महिलाओं को समाज में स्वावलंबी बनाया जा सकता है. उसे बैंक से आर्थिक सहयोग भी दिया जा सकता है. मंजू देवी गांव में पेयजल का संकट बना हुआ है. सप्लाय जल नहीं मिलता है. चापानल खराब है. जल स्तर नीचे चले जाने के कारण पानी नहीं निकल रहा है. जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन भी नहीं बिछायी गयी है. गरीब महिला को कोई सुविधा नहीं मिलता है. समूह में जो लोन मिलता है, उससे काम नहीं हो पाता है. कविता देवी स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर पशुपालन का काम कर रही हूं. दूध की बिक्री से नियमित आमदनी होती है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुटीर उद्योग से जोड़ने की जरूरत है. ताकि आमदनी को बढ़ाया जा सके. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कई समूह संचालित है. सरिता देवी समाज में व्याप्त कुरीतियों से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती है. सरकार के प्रोत्साहन के कारण लड़कियों को पढ़ने में बहुत सहयोग मिला है. महिलाओं को शिक्षा एवं नौकरी में जाकर देख खुशी होती है. लेकिन शिक्षित महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उसे रोजगार देने की जरूरत है. करीना देवी रोजगार के लिए उनके बच्चे दूर प्रदेश न जायें, बल्कि स्थानीय स्तर पर ही रोजगार की व्यवस्था हो. सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं स्वरोजगार और उद्यम के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चाहती है. पर सरकार द्वारा उसे कोई सहायता नहीं दी जा रही है. जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है. कालेश्वरी देवी गांव घर में महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देती हैं. बच्चों और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखने में, अपने पर ध्यान रखना पीछे छूट जाता है. जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. उन्होंने सरकार से महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण के लिए नियमित जागरुकता कार्यक्रम चलाये. सीरिया देवी
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