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आज है पाम संडे, ईसाई धर्म के लिए खास है यह दिन

पाम संडे ईस्टर से पहले रविवार को मनाया जाता है. कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और रूढ़िवादी ईसाई पाम संडे मनाते हैं, जो कि पवित्र सप्ताह की शुरुआत है. यह ईसाइयों के लिए साल का सबसे पवित्र समय है.

दुमका. पाम संडे या खजूर रविवार ईसाई धर्म के लिए बेहद खास होता है. बाइबल के अनुसार जब यीशु येरुशलम पहुंचे थे, तब लोग उनके स्वागत के लिए खजूर की डालियां लहराते हुए एकत्रित हुए थे. पाम संडे ईस्टर से पहले रविवार को मनाया जाता है. कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और रूढ़िवादी ईसाई पाम संडे मनाते हैं, जो कि पवित्र सप्ताह की शुरुआत है. यह ईसाइयों के लिए साल का सबसे पवित्र समय है. पाम संडे से लेकर आगामी शुक्रवार और रविवार तक का दिन ईसाइयों में बहुत पवित्र माना जाता है. पाम संडे के बाद आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे और रविवार को ईस्टर मनाया जाता है, जो ईसाई धर्म के लिए बेहद खास होता है. पाम संडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयायी प्रभु यीशु के यरुशलम आने की खुशी में गीत गाकर इस दिन को मनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे तो उन्होंने अपने शिष्यों से एक गधा मंगाया और उसपर बैठकर ही उन्होंने आगे की यात्रा की. पाम संडे के लिए लोग खजूर की डालियां चर्च लेकर जाते हैं और प्रभु के आने की खुशी में गीत गाते हैं. इसलिए इसे खजूर रविवार भी कहा जाता है. पाप संडे का ईसाईयों के लिए महत्व : यह ईसा मसीह के अंतिम दिनों और यरुशलम में उनके विजयी आगमन का प्रतीक है. ईसाई इस त्योहार को यीशु मसीह की कहानी बताने और उनके जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान का जश्न मनाने के लिए मनाते हैं. पाम संडे पर चर्च में भीड़ देखने को मिलती थी. पाम संडे के दौरान उपयोग की जाने वाली खजूर की पत्तियां इस्तेमाल के बाद में ऐश बुधवार के लिए ईसाइयों के माथे पर लगाने वाली राख के लिए किया जा सकता है. मसीह के समय में राजा अक्सर गधों की सवारी करते थे. यही कारण है कि यीशु गधे पर सवार होकर यरुशलम आए थे. पाम संडे लेंट का अंतिम दिन है, जो उपवास पर केंद्रित है यानी इस दिन लोग उपवास भी रखते हैं. पाम संडे पर बाइबल में क्या मिलता है? : बाइबल के अनुसार पाम संडे वह दिन है जब हम यीशु के पुनरुत्त्थान से एक सप्ताह पहले यरुशलम में विजय प्रवेश का जश्न मनाते हैं. जैसे यीशु ने पवित्र यरुशलम शहर में प्रवेश किया, वह गोलगाथा की ओर एक लंबी यात्रा के समापन के करीब पहुंच गए. वह खोए हुए लोगों को बचाने के लिए आए थे. पाम संडे ईस्टर से पहले रविवार को लेंट और ऐश वेडनेस डे की विभिन्न पवित्र छुटि्टयों के बीच एक विजयी और महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं. इस दिन सामूहिक प्रार्थना के दौरान सभी संरक्षकों को खजूर के पत्ते सौंपे जाते हैं, इसलिए इसे पाम संडे का नाम दिया जाता है कैसे मनाते हैं पाम संडे : दुमका डंगालपाडा चर्च के पादरी रेवरेंड राजेश सोरेन ने बताया कि प्रभु यीशु का यरुशलम पहुंचना ईसाईयों के लिए बहुत खुशी का मौका था. उस समय उनके पास साज़ सजावट के लिए कुछ खास चीजें नहीं थी, इसलिए वहां के लोगों ने प्रभु यीशु का स्वागत खजूर के पत्ते और डालियों से किया, इसलिए उस दिन खजूर रविवार कहा जाता है. पाम संडे के दिन से ही चर्च में प्रभु यीशु की आराधना, भक्ति और गीतों का दौर शुरू हो जाता है जो कि ईस्टर तक चलता है. खजूर की डालियों की पत्तियों को सालभर के लिए संभालकर रख दिया जाता है और अगले साल इसे जलाकर इसकी राख बनायी जाती है जिसका इस्तेमाल ऐश वेडनेसडे या राख बुधवार पर किया जाता है.

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