दुमका. दुमका जिले के शिकारीपाड़ा के सुंदराफलान गांव में बुजुर्ग दंपती को दो सितंबर की सुबह 2.30 बजे के करीब हत्या करनेवाले आरोपी युवक को पुलिस ने उसके गांव पाकुड़ जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पहरूबाना से ही गिरफ्तार कर लिया है. प्रेमिका के मां-बाप की हत्या करनेवाले लोकेश मुर्मू केकेएम काॅलेज पाकुड़ से ग्रेजुएशन का छात्र है. उसका दाहिना हाथ बचपन में पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था, जिससे वह दाहिने हाथ से दिव्यांग रह गया. इसी दिव्यांगता को देख उसकी प्रेमिका हीरामुनि के माता-पिता फब्तियां कसते थे और कहते थे, ऐसे लड़के के हाथ में वे अपनी बेटी का हाथ नहीं सौंप सकते. हीरामुनि के साथ भले ही उसकी दोस्ती फेसबुक से हुई थी, पर उन दोनों में जबरदस्त प्रेम था. इसलिए वे मिले भी थे. लेकिन उसकी दिव्यांगता को लेकर कहे गये शब्द उसे चुभने लगे. ऐसे में हीरामुनि भी धीरे-धीरे उससे दूरी बढ़ाने लगी. यही बात उसे नागवार गुजरी तो गुस्से की आग में उसने उसके मां-बाप की ही हत्या कर लेने की योजना बनायी थी. वारदात को अंजाम भी दे दिया. ट्रेन से आया और वारदात को अंजाम देकर जंंगल में छिपा रहा लोकेश ने बताया कि वह हीरामुनि के मां-बाप की ही हत्या करने के इरादे से ट्रेन से आया था और अगल-बगल रुका रहा. रात होने पर दो-ढाई बजे के करीब उनके घर जाकर बुजुर्ग दंपती की हत्या कर दी. इसके बाद हीरामुनि और उसकी बहन बेनी हेंब्रम ने उसे पकड़ लिया. ऐसे में उसने पकड़ छुड़ाने व बचने के लिए उन दोनों पर भी ताबड़तोड़ दाव चलाना शुरू कर दिया और भाग निकला. वह रातभर जंगल में ही छिपा रहा और एक रिश्तेदार के यहां रुकने के बाद फिर अपने गांव लौट गया था. वह हत्या के इरादे से दाव भी अपने साथ ही लेकर चला था. तबीयत खराब हुई थी तो कराया था इलाज लोकेश ने यह भी बताया कि हीरामुनी से फेसबुक पर दोस्ती हुई. इसके बाद वे लोग मिले भी थे. एक बार हीरामुनी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गयी थी, तो वह उसे अपने यहां ले जाकर उसका इलाज भी कराया था. सबकुछ ठीक था, पर उसके मां-बाप उनकी शादी के लिए बाधक बन गये थे. उनके द्वारा उसकी दिव्यांगता को लेकर कहे गये शब्द उसे कचोटते रहे और उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया. हत्या में इस्तेमाल दाव जब्त : एसपी एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि साहेब हेंब्रम व उनकी पत्नी मंगली किस्कू की हत्या तथा उनकी दो बेटियों को जख्मी करा देने के मामले में लोकेश मुर्मू के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि कांड के अनुसंधान के लिए गठित एसआइटी लोकेश के छिपे होने के हर संभावित जगहों पर छापेमारी कर रही थी. इसी क्रम में उसे गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दाव बरामद किया गया. उसने बताया कि मृतक दंपती उसकी शादी अपनी बेटी हीरामुनी हेंब्रम के साथ नहीं होने देना चाहते थे. इसी आक्रोश में आकर उसने घटना को अंजाम दिया. एसआइटी व छापेमारी दल में एसडीपीओ विजय कुमार महतो, शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी अमित कुमार लकड़ा, गोपीकांदर थाना प्रभारी सुमित कुमार भगत, दिग्घी ओपी प्रभारी अनुज कुमार, एसआइ आनंद हेंब्रम, नंदन कुमार, रविशंकर, आशीष भारद्वाज व आरक्षी अमित कुमार शामिल थे.
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