जामा. प्रखंड के भैरवपुर पंचायत अंतर्गत बरमसिया गांव में डीडीसी अनिकेत सचान के निर्देश पर मनरेगा योजनाओं से संबंधित कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इस बात पर जोर दिया गया कि मनरेगा योजनाओं को वैज्ञानिक पद्धति से ज़मीन पर उतारा जाए. इसी क्रम में जीआईएस आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्लानिंग प्रशिक्षण भी दिया गया. प्रशिक्षण में जिले के 10 प्रखंडों से आए सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, स्वयं सहायता समूह की जागरूक महिलाएं, ग्राम प्रधान और स्थानीय ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को मनरेगा के तहत योजनाओं के वैज्ञानिक चयन की प्रक्रिया समझाना है. इसमें जीआईएस तकनीक की सहायता से ज़मीन के महत्वपूर्ण कारकों का अध्ययन किया गया. प्रतिभागियों को ज़मीन के ढलान, जल निकासी, मिट्टी के प्रकार और भूमि उपयोग का बारीकी से अध्ययन करना सिखाया गया. सभी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन सिद्धांतों के आधार पर यह बताया गया कि जल और मिट्टी संरक्षण की संरचनाओं का चयन किस प्रकार किया जाना चाहिए ताकि वे अधिकतम प्रभावी हों. प्रतिभागियों को सीधे स्थल पर ले जाया गया, जहां उन्हें जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करते हुए योजना निर्माण की प्रक्रिया सिखायी गयी. सही काम-सही जगह पर प्रतिभागियों ने ज़मीन पर जाकर यह पहचानना सीखा कि ””””सही काम”””” जल संचयन संरचना, मेढ़बंदी, आदि ””””सही जगह”””” पर कहां किया जाना चाहिए. ऊपरी हिस्सों में पानी को रोककर, नीचे तक क्रमवार जल-मिट्टी संरक्षण संरचनाओं का निर्माण कराने, ग्रामीण आजीविका बढ़ाने, कृषि उत्पादन में वृद्धि करने और आर्थिक स्थायित्व लाने के अवसर प्राप्त करने पर भी चर्चा हुई. प्रशिक्षण का संचालन प्रशिक्षक धीरेन्द्र कुमार, विजय कुमार एवं बीपीओ सीताराम मुर्मू ने किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

