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पदाधिकारी के विरोध में चिकित्सा संघ के कर्मियों ने खोला मोर्चा, विरोध प्रदर्शन किया

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रति प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा खराब व्यवहार करने का आरोप. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को हटाने के लिए सिविल सर्जन एवं उपायुक्त के समक्ष सभी कर्मी लगाएंगे गुहार.

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रति प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा खराब व्यवहार करने का आरोप.

बासुकिनाथ. चिकित्सा कर्मियों के प्रति जरमुंडी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह के खराब व्यवहार को लेकर बुधवार को जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सभागार में झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बैठक आयोजित की गयी. इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विभिन्न समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की. बैठक में बताया गया कि जरमुंडी में कार्यरत चिकित्सा कर्मियों के प्रति प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है. आउटसोर्सिंग कर्मियों ने गहरी नाराजगी जताते हुए प्रभारी के खराब व्यवहार को अमान्य बताया. बैठक में संघ के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि राजकीय श्रावणी मेला में हर वर्ष सभी कर्मचारी ईमानदारी एवं निष्ठा पूर्वक कार्य करते हैं. अच्छे कार्य करने के बाद भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कभी भी किसी कर्मी की सराहना नहीं की जाती, बल्कि सभी कर्मियों के साथ डांट-डपट कर रूखा व्यवहार किया जाता है. प्रभारी ने अनुशंसा कर एक निर्दोष महिला कर्मी गीता कुमारी को बिना सूचना दिए सिविल सर्जन से सस्पेंड करा दिया. सिंह द्वार पर चिकित्सा शिविर में ऑक्सीजन सिलेंडर में विस्फोट होने से डॉक्टर पूनम बारला घायल हो गईं. उनके प्रति एक प्रभारी की जो सहानुभूति होनी चाहिए थी, किन्तु उनका व्यवहार निराशाजनक रहा. श्रावणी मेला में दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील सिंह से स्पष्टीकरण भी पूछा गया. किन्तु उनके निशाने पर गरीब चिकित्सा कर्मी हमेशा ही रहते हैं. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रति प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का व्यवहार बहुत ही खराब है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मानदेय 26 दिन का मिलता है, किन्तु प्रभारी उनसे 30 दिन कार्य कराते हैं. अगर कोई कर्मी एक या दो दिन अनुपस्थित रहा तो 26 दिन के हिसाब से मानदेय काटकर दिया जाता है. डॉ सुनील सिंह के व्यवहार से सभी कर्मचारी दुखी एवं खुद को असहाय महसूस करते हैं. बताया कि बिनोद कुमार सफाई कर्मी का दो वर्ष से मानदेय बंद है, पर उससे कार्य लिया जाता है. बैठक में बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को हटाने के लिए सभी कर्मी सिविल सर्जन एवं उपायुक्त दुमका के पास जाएंगे. इस अवसर पर बैठक के पश्चात झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तत्पावधान में चिकित्सा कर्मियों ने तानाशाही के विरुद्ध जमकर नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया. मौके पर दर्जनों स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

क्या कहते हैं पदाधिकारी :

कार्य और दायित्व से परहेज करने वाले कर्मी ही इस प्रकार का प्रदर्शन कर रहे हैं, वैसे कर्मी जो कार्य में कोताही बरतते है उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई होने पर वो ही व्यवस्था का विरोध करते हैं, प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करना ही एकमात्र उद्देश्य है.

– डॉ सुनील कुमार सिंह, प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, जरमुंडी B

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