रानीश्वर. प्रखंड के सिंचित इलाके में गरमा धान फसल कीट-व्याधियाें के प्रकोप से प्रभावित होती दिख रही है. विभाग का उपेक्षित रवैया बरकरार ही रहा. खेती का समय बीत गया फिर भी किसानों को कृषि विभाग से खेतों में छिड़काव के लिए कीटनाशक दवा उपलब्ध नहीं हो सकी. गरमा धान फसल अब लगभग पक कर तैयार हो चुकी है. कहीं-कहीं धान फसल कटनी भी शुरू हो चुकी है. इस बार गरमा धान फसल में कीड़ा लगने से धान फसलों को नुकसान पहुंचा है, जहां तक संभव हुआ है. कुछ किसानों ने अपने स्तर से बाजार से कीटनाशक दवा खरीद कर खेतों में छिड़काव की है. इससे किसानों को थोड़ी बहुत राहत मिली है. बेलवुनी गांव के किसान चरण हेंब्रम ने बताया कि इस बार गरमा धान फसल में बहुत ज्यादा कीड़ा लगने से नुकसान पहुंचा है. बाजार से कीटनाशक दवा खरीद कर खेतों में छिड़काव किये हैं. कृषि विभाग से हम किसानों को गरमा धान खेती के लिए लिए समय पर कीटनाशक दवा उपलब्ध कराये जाने से किसानों को बहुत हद तक राहत मिलता. कीटनाशक दवा के अभाव में धान का पौधा प्रभावित हो जाने से फसल का उत्पादन अपेक्षाकृत कम होगा, ऐसा डर सता रहा है. चरण हेंब्रम ने बताया कि कृषि विभाग से किसानों को रियायती दर पर भी कीटनाशक दवा उपलब्ध कराये जाने से परेशानी कम होती. फसलों में कीड़ा लगने से धान के पौधे का तना कीड़ा काट देने से धान का बाली तो निकली है. पर बाली सूख गयी है. चावल नहीं बना है.
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