रानीश्वर. दिगलपहाड़ी डैम से निकाले दायांतट व बायांतट दोनों नहर के गेट से लगातार पानी लिकेज होने से डैम का जलस्तर नहर के गेट से नीचे पहुंच चुका है. जिससे डैम से नहर में पानी निकासी बंद हो चुका है. सिंचाई के अभाव में नहर के सिंचित इलाके में धान फसल सिंचाई के अभाव में झुलस रही है. किसानों ने तालाब या जोरिया में पंपिंग सेट लगाकर धान फसल बचाने के लिए सिंचाई करने का प्रयास में जुट गये हैं. आसनबनी के किसान प्रदीप मंडल ने बताया कि दिगलपहाड़ी डैम के दोनों नहर का गेट एक साल से खराब है. नहर का गेट ठीक से बंद नहीं होने से दोनों नहर से लगातार डैम का पानी निकासी होते रहने से डैम का पानी नहर के गेट के लेवल से नीचे चला गया है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. किसान श्री मंडल ने बताया कि इस बार अच्छी बारिश होने से बरसात में डैम लबालब पानी से भर गया था. नहर का गेट ठीक रहने से रबी खेती के लिए भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पाती. इसके लिए सिंचाई विभाग की ओर से समय पर नहर के गेट मरम्मत या बदले जाने की जरूरत थी. समय पर नहर का गेट बदले जाने से यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. डैम के सिंचित इलाके में किसानों ने बड़े पैमाने पर धान की खेती की है. दिगलपहाड़ी डैम मजबूतीकरण व डैम से निकाले गये दोनों नहरों का पक्कीकरण कराने की मांग को लेकर किसानों द्वारा तथा राजनैतिक दलों की ओर से लगातार मुद्दा उठाये जाने के बाद सिंचाई विभाग की देखरेख में कैड (कमांड डेवलपमेंट एरिया) की ओर से करीब 12 करोड़ की लागत से करीब छह वर्ष पहले डैम मजबूतीकरण तथा दोनों नहरों का पक्कीकरण कार्य के अलावा कई शाखा नहरों का भी पक्की करण कराया गया था. पर नहर के गेट नहीं बदले जाने से स्थिति उत्पन्न हो गयी. खामियाजा आज किसानों को भुगतना पड़ रहा है. इस संबंध में सिंचाई विभाग के अभियंता से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी, पर उनसे संपर्क नहीं हो सका.
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