दुमका. चक्रवाती तूफान मोंथा और अज्ञात कीट जनित रहस्यमय बीमारी के कारण धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गयी और किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. बीमारी ने न केवल धान को बर्बाद किया, बल्कि पुआल भी अनुपयोगी बना दिया, जिसे मवेशी खाने से इंकार कर रहे हैं. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल ने किसानों की दुर्दशा देखते हुए प्रशासन से पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने बताया कि रामगढ़ प्रखंड के कारूडीह पंचायत के पिपरा, डुमरथरी, डेलीपाथर, चिरिया टोला, जगतपुर आदि गांवों के किसानों ने नुकसान का आकलन कर मुआवजे की गुहार लगायी थी. निरीक्षण में पाया गया कि सभी गांवों में धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. कई किसानों ने कर्ज लेकर या पशु बेचकर खेती की थी, लेकिन अब लागत भी नहीं निकल रही. सुधीर मंडल ने किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास का आश्वासन दिया. इस दौरान चंद्रशेखर मंडल, रूपलाल राय, अनीता देवी, हरदयाल मंडल, शोभना देहरी, कैलाश मंडल, सुरेंद्र हेम्ब्रम, विनोद मडैया, अमित राय, डोमन राय, सविता देवी, सरिता देवी, कंकई देवी, चंदन हेम्ब्रम, प्रधान किस्कू, रुक्मिणी देवी, कैलाश मंडल, कुंती देवी, आरती देवी, मदन हांसदा, मंतोष राय, तालको हेम्ब्रम, मंगल हेम्ब्रम, खूब लाल राय, विभीषण राय, सिकंदरा सोरेन, लक्ष्मण मंडल, कारू दास आदि दर्जनों किसान मौजूद थे.
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