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Hizla Mela Dumka 2021: पर्यटन विभाग से हरी झंडी के बाद ही लगेगा हिजला मेला, जानें क्या है इस मेले का इतिहास

पर्यटन विभाग से हरी झंडी के बाद ही लगेगा हिजला मेला

Hizla Mela Dumka 2021, Hizla Mela History, दुमका न्यूज़ : जनजातीय हिजला मेला आयोजन के संबंध में पर्यटन विभाग से मार्गदर्शन की मांग की जायेगी. मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद ही मेले के आयोजन पर चर्चा की जायेगी. उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में राजकीय जनजातीय हिजला मेला के संबंध में बैठक की गयी. इसमें उपायुक्त ने मार्गदर्शन मांगे जाने का सुझाव दिया.

कहा कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग परंपरागत पूजा कर सकते हैं. बैठक में डीडीसी डॉ संजय सिंह, प्रशिक्षु आइएएस दीपक दुबे, अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो के साथ स्थानीय जन प्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी, समाज के सम्मानित नागरिक उपस्थित थे.

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Hizla Mela History: 130 साल पुराना जनजातीय मेले का इतिहास :

Hizla Mela News History: संताल परगना का गौरवपूर्ण सांस्कृतिक इतिहासवाला हिजला मेला क्षेत्र की कला, रास, हर्ष, नृत्य और संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने में करीब 130 साल से प्रयत्नशील रहा है. 3 फरवरी 1890 को तत्कालीन उपायुक्त जानआर कास्टेयर्स ने मेले की नींव रखी थी.

तब से मेला इस क्षेत्र की संस्कृति को कला, रास-रंग और संगीत के माध्यम से प्रदर्शित करने की परंपरा बन गयी. इतिहासकार बताते हैं कि मेला का शुभारंभ किये जाने के बाद क्षेत्र के ग्राम प्रधान, मांझी, परगनैज के साथ पहाड़ में बैठ कर विचार-विमर्श करते थे. इस कारण यहां बननेवाली नियमावली को अंग्रेजी में ‘हिज़ ला’ कहा गया और पहाड़ का नाम हिजला हो गया और तब से मेला भी हिजला मेला के नाम से प्रसिद्ध हो गया.

Posted By : Sameer Oraon

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