गोपीकांदर. थाना क्षेत्र के कुडंबा गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आयी, जहां 30 वर्षीय गर्भवती महिला विनीता हेंब्रम की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो गयी. विनीता की मौत से उसके चार मासूम बच्चों के सिर से मां का साया छिन गया. बच्चों की उम्र एक से आठ वर्ष के बीच है. इस दुखद स्थिति से गांव में शोक की लहर है. मृतका के पति सोम मुर्मू ने बताया कि रविवार सुबह करीब 10 बजे जब विनीता की तबीयत बिगड़ी, तो उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन काफी देर तक कोई वाहन नहीं आया. करीब 11:30 बजे गांव की सहिया साथी ने दुबारा कॉल किया, तब जाकर एम्बुलेंस गांव पहुंची, लेकिन तब तक विनीता की स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी. आनन-फानन में उसे गोपीकांदर सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सक द्वारा गर्भवती महिला को मृत घोषित किया गया. इसके बाद परिवार वालों द्वारा विनीता के शव को प्राइवेट वाहन से घर लाया गया, लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने के कारण वाहन को सड़क पर ही रोकना पड़ा. खाट की मदद से शव को घर तक लाया गया. सोम मुर्मू ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय पर एम्बुलेंस पहुंच जाती, तो उनकी पत्नी और होने वाले बच्चे की जान बचायी जा सकती थी. इस दुखद घटना में विनीता के साथ उसका अजन्मा बच्चा भी इस लापरवाही की भेंट चढ़ गया. समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची और अस्पताल ले जाते-ले जाते सब कुछ खत्म हो गया. अब पीछे रह गए हैं चार मासूम बच्चे, जो अब ””””मां”””” शब्द को सिर्फ यादों में तलाशेंगे. बहरहाल, विनीता चली गयी, पर जाते-जाते उसकी मौत ने सिस्टम से और सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि यह वही देश है जो चांद पर तो पहुंच चुका है, लेकिन गांव तक एंबुलेंस पहुंचाने में अब भी घंटों लग जा रहे हैं.
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