गोपीकांदर. कोल ब्लॉक से प्रभावित गोपीकांदर प्रखंड के कुंडापहाड़ी, चिरुडीह और माहुलडाबर गांव के रैयतों ने गुरुवार को कुंडापहाड़ी फुटबॉल मैदान में एक संयुक्त ग्राम सभा आयोजित की. बैठक में कंपनी के अधिकारियों को भी बुलाया गया था. ग्रामीणों ने चर्चा के बाद 30 बिंदुओं पर आधारित प्रस्ताव पारित कर कंपनी को सौंपे. सभा में चिरुडीह ग्राम प्रधान गुपिन मुर्मू, कुंडापहाड़ी ग्राम प्रधान शिवधन हेंब्रम, माहुलडाबर ग्राम प्रधान विनाज हांसदा सहित अमीन मरांडी, मंगल हांसदा, सरकार हांसदा, राहिल सोरेन और सीताराम हांसदा समेत तीनों गांवों के दर्जनों रैयत शामिल हुए. रैयतों द्वारा सौंपे गए प्रस्तावों में गंभीर रूप से बीमार लोगों का समुचित इलाज, विस्थापित रैयतों के लिए रोजगार की व्यवस्था, और विस्थापित परिवारों के लिए स्कूल, अस्पताल व क्वार्टर निर्माण को प्राथमिकता देने की मांग शामिल है. रैयतों ने यह भी कहा कि जब तक कंपनी नया स्कूल नहीं बनाती, तब तक बच्चों की पढ़ाई का खर्च कंपनी वहन करे. रैयतों ने कोयला निकासी के बाद प्रभावित जमीन का समतलीकरण कराने की मांग की. साथ ही तीनों गांवों के रैयतों का पहला एग्रीमेंट एक साथ करने की जोर दिया गया. मृत रैयतों की जमीन के बदले मिलने वाला मुआवजा उनके वंशजों को देने की मांग भी प्रस्ताव में शामिल है. ग्रामीणों ने नैवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी गयी एंबुलेंस को अपर्याप्त और औपचारिकता मात्र बताया. मांग की गयी कि तीनों गांवों में अलग-अलग तीन एंबुलेंस उपलब्ध करायी जाएं और उनका संचालन ग्राम प्रधानों के नियंत्रण में हो.
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