बासुकिनाथ. जरमुंडी प्रखंड के बेलदाहा-मधुपुर स्थित प्राचीन निशुंभनाथ मंदिर में आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण चातुर्मास महायज्ञ का बुधवार को पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया. महायज्ञ के आचार्य, स्वामी धीरज कृष्ण पराशर के दिशा-निर्देशन में विद्वान ब्राह्मणों ने सपत्नीक मुख्य यजमान से संकल्प कराकर महायज्ञ की पूर्णाहुति करायी. इस अवसर पर निशुंभनाथ मंदिर प्रांगण हर हर महादेव और भगवान लक्ष्मीनारायणनाथ के जयघोष से गूंज उठा. विधायक देवेंद्र कुंवर भी निमानाथ पहुंचे. कहा कि इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन से गांवों में सुख शांति व समृद्धि आती है. कथा व्यास ने कहा कि कि सत्कर्म करने के साथ-साथ मानव को अपने मोक्ष की तैयारी भी इसी जीवन में करनी चाहिए. पूर्णाहुति के बाद सपत्नीक मुख्य यजमान ने, यज्ञ भगवान की आरती और पुष्पांजलि निवेदन विधिपूर्वक महायज्ञ को पूर्ण किया. यज्ञ के प्रणेता आचार्य स्वामी धीरज कृष्ण के सान्निध्य में, यज्ञ संपन्न करवाने वाले ब्राह्मण पंडितों द्वारा मुख्य यजमान और उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन के साथ शांति जल प्रदान किया गया. तत्पश्चात धूमधाम के साथ मोतीहारा नदी में कलश विसर्जन किया गया. बता दें कि यह पांच दिवसीय महायज्ञ एक नवंबर से पांच नवंबर तक निर्धारित किया गया था. लक्ष्मी नारायण चातुर्मास महायज्ञ के दौरान सनातन धर्मावलंबियों के लिए संध्याकालीन विशेष सत्र में धार्मिक प्रवचन और वृंदावन के कलाकारों द्वारा महा रासलीला का आयोजन किया गया. लक्ष्मी नारायण चातुर्मास महायज्ञ के सफल आयोजन में बेलदाहा-मधुपुर के ग्रामीण और निशुंभनाथ मंदिर समिति के सदस्य,नवयुवक संघ सहित क्षेत्रवासियों ने बढ़-चढ़ कर सहयोग किया.
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