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लाखों के खर्च का फायदा नहीं

दुभार्ग्यपूर्ण. लाखों के बने स्वास्थ्य केंद्र के भवन पड़े हैं बेकार मसलिया : मसलिया प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपये की लागत से स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भवन बनवाया. उसमें स्वास्थ्यकर्मियों के आवासन की भी व्यवस्था की, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ मिल सके. पर भवन के निर्माण के महीनों गुजर […]

दुभार्ग्यपूर्ण. लाखों के बने स्वास्थ्य केंद्र के भवन पड़े हैं बेकार

मसलिया : मसलिया प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपये की लागत से स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भवन बनवाया. उसमें स्वास्थ्यकर्मियों के आवासन की भी व्यवस्था की, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ मिल सके. पर भवन के निर्माण के महीनों गुजर जाने के बाद भी ये सभी उपेक्षित और अनुपयोगी पड़े हुए हैं तथा असामाजिक तत्वों के निशाने बन रहे हैं. सांसद आदर्श पंचायत रांगा के लताबड़ गांव में बना दो मंजिला स्वास्थ्य उपकेन्द्र का नया भवन भी चालू नहीं हो सका है. इस पंचायत को सांसद सह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने गोद लिया है.
फिर भी हालात नहीं बदले हैं. लताबड़ गांव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र वर्षों से एक निजी मकान पर किराये में चलता था. करीब 23 लाख रुपये की लागत से बने इस दो मंजिला स्वास्थ्य उपकेन्द्र का नया भवन वीरान जगह पर बनाया गया है. भवन बने दो साल से अधिक हो गया है़ कहा जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा आज तक इसे हेंडओवर नहीं किया गया है.
जिस पंचायत को सांसद ने लिया गोद वह भी रह गया उपेक्षित
दो साल बाद भी नहीं किया गया हेंड ओवर
रानीघाघर पंचायत के जरूवाडीह स्वास्थ्य उपकेंद्र का नये भवन बनने के दो साल बाद भी हेंडओवर नहीं किया गया है़ इस भवन का ना ही मरीजों का लाभ मिलता है और ना ही नर्स अपनी डियुटी कर पातीं है़ं मुखिया मीना मुरमू ने बताया कि जेरूवाडीह स्वास्थ्य उपकेन्द्र को हेंडओवर करने के लिए ठेकेदार को कई बार बोला गया था़ लेकिन आज तक स्वास्थ्य विभाग को अधिकृत नहीं किया गया है़ जिस कारण स्वास्थ्य उपकेन्द्र का भवन रहने के बाबजूद भी लोग लाभ से वंचित है़
रंग रोगण भी नहीं हुआ
आमगाछी पंचायत के तिलाबाद गांव में पांच साल से स्वास्थ्य उपकेन्द्र अधूरा है. रंग रोगन तो दूर प्लास्टर व फर्श का कार्य पूरा नहीं किया गया है़ स्वास्थ्य केन्द्र नहीं रहने के कारण इस केन्द्र की नर्स केंद्र में कब आती है़ किस समय चली जाती है़ इसकी पता मरीजों को नहीं चल पाता है.

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