प्रतिनिधि, शिकारीपाड़ा प्रखंड के सरसडंगाल के हटिया परिसर में क्रशर मजदूर व ग्रामीणों ने एक बैठक की. जिसमें उपायुक्त द्वारा चलाये जा रहे क्रशर सील करने के अभियान पर आक्रोश जताया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे श्याम मरांडी ने बताया कि अचानक क्रशरों के बंद होने से स्थानीय मजदूर भूखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं. एक गोल चलना क्रशर इकाई में 60 से 70 मजदूरों को रोजगार मिलता है. वहीं ऑटोमेटिक क्रशर इकाई में 4 से 5 मजदूरों को रोजगार मिलता है, जिससे उसके परिवार में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ होता है. बैठक में उपस्थित ग्रामीणों द्वारा निर्णय लिया गया कि अगर 20 मार्च तक मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था नहीं की गई, तो 22 मार्च को पुन: बैठक कर उग्र अंादोलन की रणनीति तय की जायेगी. मौके पर कार्तिक हेंब्रम, डाकटर किस्कू, सुरेश हांसदा, सुनील किस्कू, कालीचरण टुडू, राजेश टुडू, लुखीराम टुडू सहित बड़ी संख्या में मजदूर व ग्रामीण मौजूद थे. ………………………फोटो 18 शिकारीपाड़ा 1बैठक करते ग्रामीण. ……………………
मजदूरों को मिले रोजगार, वरना आंदोलन
प्रतिनिधि, शिकारीपाड़ा प्रखंड के सरसडंगाल के हटिया परिसर में क्रशर मजदूर व ग्रामीणों ने एक बैठक की. जिसमें उपायुक्त द्वारा चलाये जा रहे क्रशर सील करने के अभियान पर आक्रोश जताया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रहे श्याम मरांडी ने बताया कि अचानक क्रशरों के बंद होने से स्थानीय मजदूर भूखमरी के कगार पर पहुंच गये […]
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